शिमला: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकारिणी का गठन ना होने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को लेकर चिंता जताई है.
हिमाचल में कांग्रेस संगठन पैरालाइज्ड
कृषि मंत्री ने कहा हिमाचल में "कांग्रेस संगठन पूरी तरह से पैरालाइज्ड हो गया है. काफी समय से प्रदेश में कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है जबकि संगठन होगा तभी पार्टी मजबूत होगी. सरकार और संगठन एक साथ कार्य करती है. संगठन से ही सरकार बनती है. ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है."
चुनाव की घोषणा के बाद उम्मीदवारों को करते हैं तैयार
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा "चुनावों की घोषणा के बाद उम्मीदवारों को तैयार किया जाता है. इस तरह चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है. चुनाव जब सिर पर आ जाते हैं तो कांग्रेस उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारती है. दिल्ली में कांग्रेस ने चुनाव गंभीरता से नहीं लड़ा जिसके चलते दिल्ली में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई."
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कार्यकारिणी करीब ढाई महीने पहले भंग कर दी गई थी. अभी तक नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है. कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री से बैठक कर नई कार्यकारिणी की सूची देने को कहा है लेकिन ढाई महीने से नई कार्यकारिणी का गठन को लेकर अभी तक कोई कवायद शुरू नहीं हो पाई है.
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विक्रमादित्य सिंह ने भी जताई थी चिंता
विक्रमादित्य सिंह ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को चिंताजनक बताया था उन्होंने कहा था "कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार 15 सालों तक राज किया है. इसके बाद कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाना पार्टी के चिंताजनक है. कांग्रेस की हार को लेकर पार्टी हाईकमान संज्ञान लेगा. हमें अभी से कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा जिससे आगे चलकर पार्टी के पक्ष में बेहतर रिजल्ट आएंगे."
कांग्रेस की दिल्ली में जीरो हैट्रिक
15 सालों तक दिल्ली में राज करने वाली कांग्रेस आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. साल 2015 से कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई है. साल 2015, 2020 और 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई है. इस बार बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 48 और आम आदमी पार्टी 22 सीटें जीतने में कामयाब रही. वहीं, कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई.