कोरबा:अपनी ही मां के चरित्र पर संदेह करते हुए नशे की हालत में चाकू से हमला कर हत्या करने वाले बेटे को न्यायालय ने आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई है. दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने उम्रकैद की सजा के साथ अर्थदण्ड से भी दंडित किया है. जिला एवं सत्र न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश, पीठासीन न्यायाधीश अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने दोषसिद्ध पाए जाने पर आरोपी मनोज उर्फ पिन्टू उरांव(19 वर्ष) को धारा 302 के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया है.
मां के चरित्र पर शक कर की हत्या, कोर्ट ने सुनाई ये सजा - Life Imprisonment To Son
Korba Court, Korba Court Sentenced कोरबा में मई के महीने में एक कलयुगी बेटे ने अपनी मां की चाकू मारकर हत्या कर दी. हत्यारे बेटे ने खुद इसकी जानकारी अपने पड़ोसी को दी. जिसके बाद पड़ोसी की सूचना पर पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार किया. सोमवार को कोर्ट ने मां की हत्या करने वाले हत्यारे बेटे को कड़ी सुजा सुनाई. Korba District and Sessions Court
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 24, 2024, 1:17 PM IST
सिटी कोतवाली अंतर्गत 2023 में सामने आया था मामला :ये मामला शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत राताखार गौरा चौक का है. जिसे मई 2023 में अंजाम दिया गया था. पुलिस की जांच और न्यायायलय के आदेश के अनुसार हत्या के इस मामले में प्रार्थी खोलबहरा उरांव राताखार गौरा चौक 04 मई 2023 की रात करीब 9 बजे अपने घर के सामने खड़ा था. उसी समय पड़ोस का पिन्टू उरांव वहां आया और रोते हुए बताया कि उसने अपनी मां को चाकू से मार दिया है. जो मर गयी है. उसकी लाश रसोई घर में पड़ी है. तब वह उसे साथ लेकर उसके घर गया. रसोई घर में मीरा बाई उरांव अचेत अवस्था में जमीन पर पड़ी थी. उसके गले से खून निकल कर फैला हुआ था. लाश के पास ही चाकू भी पड़ा हुआ था.
पुलिस ने अप्राध्यक्ष कार्यालय में भी साबित किया :हत्या के दिन इसकी जानकारी फैलते ही मौके पर भीड़ लग गई. प्रार्थी खोलबहरा की सूचना पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 290/2023 धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इस प्रकरण को कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस की जांच के आधार पर दोष सिद्ध हो गया और 1 साल के भीतर ही इस मामले में फैसला भी आ गया. कोरबा कोर्ट ने मां की हत्या के आरोप में हत्यारे बेटे को अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा दी है. अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. प्रकरण में राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी की.