कोरबा लोकसभा सीट पर दो दिग्गज महिला प्रत्याशी आमने-सामने, एक क्लिक में जानिए क्षेत्र का सियासी गुणा गणित - korba constituency - KORBA CONSTITUENCY
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सियासी समर का दौर जारी है. यहां दो दिग्गज महिला प्रत्याशी आमने सामने हैं. बीजेपी से सरोज पांडे तो कांग्रेस से ज्योत्सना महंत चुनावी मैदान में हैं. दोनों एक दूसरे को मात देने की पूरी तैयारी में हैं. इस सीट पर कांटे की टक्कर है.
कोरबा:छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में से कोरबा लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल सीट है. इस क्षेत्र को उर्जाधानी भी कहा जाता है. कोल माइंस होने के कारण यहां हर वर्ग के लोगों का बसेरा है. इस क्षेत्र में चुनाव की पूरी तैयारियां की जा चुकी है. कोरबा में सात मई को मतदान है. जबकि चार जून को नतीजे का दिन है.
जानिए किनके बीच है टक्कर: इस सीट पर बीजेपी ने सरोज पांडे को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व सांसद ज्योत्सना महंत पर भरोसा जताया है. दोनों दलों ने महिला प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है. दोनों अपने आप में काफी दिग्गज नेता हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र पर हर किसी की निगाहें टिकी है.
बाहरी बनाम लोकल की लड़ाई: इस सीट पर बाहरी बनाम लोकल की लड़ाई है. कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत खुद को लोकल बता रहीं हैं. वहीं, सरोज पांडे को बाहरी प्रत्याशी करार दे रहीं हैं. कांग्रेस प्रत्याशी के इस बयान पर सरोज पांडे ने भी पलटवार किया था. ज्योत्सना महंत और चरण दास मंहत ने सरोज पांडे को दुर्ग का रहवासी बताते हुए बाहरी करार दिया था. इस पर कोरबा में खूब सियासी हंगामा मचा था.
कौन है सबसे अमीर प्रत्याशी ?:कोरबा लोकसभा सीट पर अगर अमीर प्रत्याशी की बात करें तो ज्योत्सना महंत अमीर प्रत्याशी हैं. ज्योत्सना के पास कुल 9 करोड़ की संपत्ति है. जबकि सरोज पांडे के पास 2 करोड़ की संपत्ति है.
कोरबा में प्रचार कैसा है ?:कोरबा सीट पर जीत के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों सियासी दल न सिर्फ जीत का दावा कर रहे हैं. बल्कि ये दोनों दल अनोखे अंदाज में चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. जहां एक ओर सरोज पांडे लगातार जनता के बीच जाकर वोट की अपील कर रहीं हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी का रिक्शा वाला प्रचार चर्चा में है.
कोरबा सीट को जानिए: कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, कोरिया, कोरबा, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पड़ता है. इस सीट का गठन परिसीमन आयोग की सिफारिश के अनुसार किया गया था. कोरबा लोकसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी. कोरबा संसदीय क्षेत्र अपनी समृद्ध कोयला खदानों, जैसे दीपका क्षेत्र, कुसमुंडा क्षेत्र और गेवरा क्षेत्र के लिए जाना जाता है, जो कि निर्वाचन क्षेत्र में मुख्य आर्थिक आधार का समर्थन करता है. कोरबा शहर नगर निगम होने के साथ-साथ कोरबा जिले की मुख्य प्रशासनिक सीट भी है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार कोरबा की जनसंख्या 12,06,640 थी. इस क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा,पाली तानाखार और मरवाही सीट शामिल है.
कोरबा लोकसभा सीट का सियासी समीकरण
एक नजर 2009 से 2014 के लोकसभा चुनाव पर:साल 2009 में कोरबा संसदीय क्षेत्र में कुल 12,76,443 मतदाता थे. इनमें 7,45,612 वोटरों ने वोट डाला. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चरण दास महंत ने 3,14,616 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं, साल 2014 में कोरबा में मतदाताओं की संख्या 14,23,729 थी. इनमें 10,44,150 वोटरों ने मतदान किया. इस सीट से बीजेपी के डॉ. बंशीलाल महतो ने 4,39,002 वोटों से जीत हासिल की थी. बात अगर साल 2019 की करें तो कोरबा में 2019 में कुल मतदाताओं की संख्या 1,50,8840 थी. इनमें 11,17,598 मतदाताओं ने मतदान किया. इस चुनाव में चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को कुल 5,23,310 वोट से जीत मिली.इस बार कोरबा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने सरोज पांडे को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत पर फिर से भरोसा जताया है.
कोरबा सामान्य कैटेगरी की सीट : कोरबा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा पड़ते हैं. यह सामान्य वर्ग की सीट है, लेकिन कोरबा लोकसभा में रामपुर, पाली तानाखार, भरतपुर सोनहत जैसी विधानसभा सीटें भी शामिल हैं, जो कि आरक्षित विधानसभा सीटें हैं. इसके अलावा कोरबा, कटघोरा सहित मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर और मरवाही विधानसभा सीट भी कोरबा लोकसभा में शामिल हैं. इसलिए कोरबा लोकसभा की सीट में शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है.
जानिए कैसे बदल गया पूरा समीकरण:कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में 26 हजार 349 वोटों से जीत हासिल की थी. उस समय रामपुर और पाली-तानाखार में ही सबसे अधिक बढ़त मिली थी. कोरिया जिले के तीनों विधानसभा बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत में पार्टी पिछड़ी थी, जहां पिछली बार तीनों सीट पर कांग्रेस के विधायक थे. साल 2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो यहां की 6 सीटों के परिणाम के आधार पर भाजपा की लीड 60 हजार 154 है. कोरबा जिले में लीड 6034 की है. सर्वाधिक लीड मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और मरवाही में है, जहां 54 हजार से अधिक की लीड है. विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है.