रांचीः विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी झारखंड की सियासत पांच माह के भीतर 360 डिग्री घूम गई है. 31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद 2 फरवरी 2024 को पहली बार सीएम बने चंपाई सोरेन अब फिर से मंत्री बन गये हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट में कई फेरबदल किए हैं. उन्होंने अपने छोटे भाई बसंत सोरेन को मंत्री पद नहीं दी. उनकी जगह चंपाई सोरेन दोबारा मंत्री बन गये हैं. इसके अलावा उन्होंने अनुसूचित जाति कोटे से बैद्यनाथ राम को मंत्री बनाया है. लिहाजा, इस कैबिनेट में झामुमो कोटे से चंपाई सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, दीपक बिरुआ, हफीजुल हसन, बेबी देवी और बैद्यनाथ राम मंत्री बने हैं.
खास बात है कि पंचम झारखंड विधानसभा में पहली बार संपूर्ण कैबिनेट नजर आएगा. क्योंकि संवैधानिक रुप से झारखंड में सीएम के अलावा 11 मंत्री बनाए जा सकते हैं. लेकिन अबतक मंत्री का एक पद रिक्त था. यही हाल तत्कालीन रघुवर सरकार में भी था. उन्होंने पूरा पांच साल एक मंत्री के बगैर पूरा कर दिया था.
वहीं कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी मंत्री बने हैं. कैश बरामदगी मामले में आलमगीर आलम की गिरफ्तारी की वजह से उन्हें मौका मिला है. लेकिन सबसे बड़ी गाज बादल पत्रलेख पर गिरी है. उन्हें हटाकर महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को कांग्रेस ने मंत्री बनाया है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गोड्डा से कांग्रेस ने दीपिका पांडेय सिंह को ही उम्मीदवार बनाया था. लेकिन प्रदीप यादव के समर्थकों के विरोध के कारण कांग्रेस को फैसला वापस लेना पड़ा था. इस बार हेमंत कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से डॉ. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडेय सिंह और इरफान अंसारी मंत्री बनाए गये हैं. सिर्फ एक चेहरा जस का तस रहा, वो हैं राजद के सत्यानंद भोक्ता. उन्हें फिर इकलौता विधायक होने का फायदा मिला.
जातीय समीकरण का रखा गया है ख्याल
हेमंत सोरेन ने बसंत सोरेन को मंत्री न बनाकर परिवारवाद के आरोपों के आरोपों को दरकिनार करने की कोशिश की है. साथ ही झामुमो कोटे से जातीय समीकरण को भी साधा है. मिथिलेश ठाकुर (ब्राह्मण), बेबी देवी (कुर्मी), हफीजुल हसन (मुस्लिम), दीपक बिरुआ (अनुसूचित जनजाति) और बैद्यनाथ राम अनुसूचित जाति समाज से आते हैं. इसमें आदिवासी, मुस्लिम, कुर्मी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. लिहाजा, हेमंत ने अगड़ी के साथ-साथ दलित वोट बैंक को भी साधा है. वहीं, कांग्रेस ने आदिवासी समाज से डॉ. रामेश्वर उरांव, मुस्लिम समाज से इरफान अंसारी, अगड़ी जाति से दीपिका पांडेय सिंह और ओबीसी से बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाया है.
इससे पहले 31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद 2 फरवरी को सीएम बने चंपाई सोरेन कैबिनट में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद से सत्यानंद भोक्ता मंत्री बने थे. इसके बाद 16 फरवरी को कैबिनेट का विस्तार हुआ. इसमें झामुमो से बसंत सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन और बेबी देवी मंत्री बनीं थीं. जबकि कांग्रेस और राजद ने कोई बदलाव नहीं किया था. उस वक्त सिर्फ बैद्यनाथ राम को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. क्योंकि झामुमो कोटे से मंत्रियों की लिस्ट में उनका नाम था. लेकिन ऐन मौके पर उन्हें राजभवन आने से मना कर दिया गया. तब बैद्यनाथ राम काफी नाराज हुए थे. इसबार उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है. अब देखना है कि किस मंत्री को कौन सा पोर्टफोलियो मिलता है.
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