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लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 10 सीटों पर मतदान; 2019 में 60.2 फीसदी हुई थी वोटिंग, जानिए इस बार का समीकरण - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है. आइए जानते हैं कि इन सीटों पर वर्तमान में किसका कब्जा है और इस बार कौन-कौन उम्मीदवार है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 6:57 AM IST

Updated : May 7, 2024, 10:03 PM IST

लखनऊःलोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यूपी की 10 सीटों पर मतदान हो रहा है. सम्भल, हाथरस (अजा), आगरा (अजा), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में भाजपा, सपा और बसपा जैसी प्रमुख पार्टियों समेत कुल 100 उम्मीदवार मैदान में हैं. मैनपुरी में जहां अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, संभल में सपा के कद्दावर नेता रहे शफीकुर रहमान बर्क के पोते चुनावी मैदान में हैं. इन दोनों सीटों पर कड़े मुकाबले के आसार हैं. 2019 लोकसभा में इन 10 सीटों में से 8 पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2 सीटों पर सपा जीती थी. 10 सीटों पर औसतन 60.02 मतदान हुआ था. फिरोजाबाद में 2019 लोकसभा चुनाव में 60.13 फीसदी वोटिंग हुई थी.

संभल लोकसभा सीट:सपा का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से इस बार भाजपा ने संभल से दोबारा परमेश्वरलाल सैनी को उतारा है. वहीं, सपा ने सांसद शफीकउर्रहमान के पोते कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने पूर्व विधायक सौलत अली को टिकट दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव में शफीकउर्रहमान ने परमेश्वरलाल सैनी को करीब डेढ़ लाख वोटों से हराया था. इस चुनाव में कुल 64.73 फीसद मतदान हुआ था.

हाथरस लोकसभा सीट: इस सुरक्षित सीट पर साढ़े तीन दशक से लगातार भाजपा जीतती आ रही है. इस सीट से 2019 में बीजेपी ने पिछले चुनाव में राजवीर सिंह दिलेर को उतारा था. दिलेर ने आसानी से जीत दर्ज की थी. वहीं, इस बार अनूप वाल्मिकि को प्रत्याशी बनाया है. जबकि सपा ने जसवीर वाल्मीकि और बीएसपी ने हेमबाबू धनगर को प्रत्याशी बनाया है. 2019 लोकसभा चुनाव में कुल 61.76 फीसद मतदान हुआ था.

आगरा लोकसभा सीट: भाजपा ने अपने सांसद सत्यपाल सिंह बघेल को फिर से मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने पूजा अमरोही और सपा ने पुराने बसपाई सुरेश चंद कर्दम को टिकट दिया है. राजबब्बर के ग्लैमर के सहारे 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव जीतने वाली सपा के बाद यहां कभी जीत नहीं पाई है. इस सीट पर कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. पिछली बार यहां 59.12 मतदान हुआ था.

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट: इस सीट से भाजपा ने सांसद राजकुमार चाहर पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, बसपा ने रामनिवास शर्मा को टिकट दिया है. सपा-कांग्रेस गठबंधन ने रामनाथ सिकरवार को चुनावी मैदान में उतारा है. कुल 9 उम्मीदर यहां से इस बार मैदान में है. 2019 लोकसभा चुनाव में 60.42 फीसद मतदान हुआ था.

मैनपुरी लोकसभा सीट: 1996 के बाद से इस सीट पर सपा के प्रत्याशी अजेय रहे हैं. 2014 और 2019 की मोदी लहर वाले चुनाव में भी भाजपा इस सीट को जीत नहीं पाई थी. 2022 में मुलायम सिंह यावद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल ने भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह को भारी मतों से हराया था. इस बार सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के सामने भाजपा ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने शिवप्रसाद यादव को टिकट दिया है. यहां 2019 लोकसभा चुनाव में 56.77 तो 2022 के उपचुनाव में 55.12 फीसदी मतदान हुआ था.

एटा लोकसभा सीटः सपा ने निरंतर दो बार हुई हार से सबक लेकर इस बार शाक्य प्रत्याशी को उतारा है. भाजपा अपने शाक्य नेताओं के सहारे वोटों का धुर्वीकरण कराने की कोशिश में है. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है. सपा ने देवेश शाक्य व बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी मुहम्मद इरफान अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है. पिछली बार यहां 61.70 फीसदी मतदान हुआ था.

बदायूं लोकसभा सीट:इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद जीत हासिल की थी. इस बार सपा ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि पहले सपा ने शिवपाल को ही टिकट दिया था. लेकिन, बाद में बदल दिया. वहीं, भाजपा ने यहां से अपने सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह को टिकट दिया है. वहीं, बसपा ने पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खान पर दांव खेला हैं. यहां पिछली बार 57.17 प्रतिशत मतदान हुआ था.

आंवला लोकसभा सीट:बसपा ने सपा छोड़कर आए आबिद अली को यहां से उम्मीदवार बनाया है. जबकि, भाजपा ने अपने सांसद धर्मेंद्र कश्यप पर ही भरोसा जताया है. सपा ने अपने पूर्व विधायक नीरज मौर्य को टिकट दिया है. पिछली बार धर्मेंद्र कश्यप ने बसपा उम्मीदवार रहीं रुचि वीरा को भारी मतों से हराया था. वहीं, इस बार रुचि वीरा मुरादाबाद से सपा प्रत्याशी हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में 58.97 फीसदी वोटिंग हुई थी.

बरेली लोकसभा सीट: पिछले 40 सालों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. भारतीय जनता पार्टी से संतोष गंगवार 8 बार सांसद चुने गए हैं. बढ़ती उम्र की वजह से इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है. जबकि सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुर्मी कार्ड खेलते हुए पूर्व विधायक मास्टर छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारा है. इस सीट पर पिछली बार 59.43 फीसदी मतदान हुआ था.

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Last Updated : May 7, 2024, 10:03 PM IST

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