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एमआई-17 का पायलट अगर हेलीकॉप्टर को नहीं छोड़ता तो होता बड़ा हादसा, केदारनाथ में दुर्घटनाओं का रहा है इतिहास - KEDARNATH HELICOPTER CRASH - KEDARNATH HELICOPTER CRASH

KEDARNATH HELICOPTER CRASH केदारनाथ धाम में एमआई-17 से छिटक कर केदारनाथ की पहाड़ियों में क्रिस्टल हेलीकॉप्टर गिर गया है. इस हादसे के बाद केदारघाटी में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं एक बार फिर याद आने लगी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि केदारघाटी में कब-कब हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं.

KEDARNATH HELICOPTER CRASH
पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 31, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 7:11 PM IST

देहरादून/रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में एमआई-17 से पहाड़ियों में क्रिस्टल हेलीकॉप्टर गिरने का ये पहला हादसा नहीं है. इससे पहले भी कई हेलीकॉप्टर हादसे के शिकार हो चुके हैं. दरअसल अब तक केदारनाथ में एक दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं. हेलीकॉप्टर हादसे होने का मुख्य कारण तकनीकी खराबी और खराब मौसम है. आज हुए हादसे में पायलट ने सूझबूझ दिखाकर एक बड़े हादसे को टाल दिया है. दरअसल जैसे ही एमआई 17 ने उड़ान भरी, तो पायलट को जानकारी हो गई थी कि वह हेलीकॉप्टर को ज्यादा देर तक कैरी नहीं कर सकता है, जिससे उसने सुरक्षित और खाली स्थान पर हेलीकॉप्टर को ड्रॉप कर दिया.

केदारघाटी और अन्य जगहों पर हुए हेलीकॉप्टर हादसे (PHOTO-ETV Bharat)

24 मई को क्रिस्टल हेलीकॉप्टर की कराई गई थी इमरजेंसी लैंडिंग:बाबा केदार के दर्शनों के लिए रोज सैकड़ों श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर में हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंचते हैं. इस साल 24 मई को केदारनाथ धाम में क्रिस्टल हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण हेलीपैड से 100 मीटर पहले इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. हेलीकॉप्टर में उस समय 6 यात्री सवार थे. हालांकि, हादसे में किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. आज सुबह क्षतिग्रस्त क्रिस्टल हेलीकॉप्टर को एमआई-17 से रेस्क्यू किया जा रहा था. इस दौरान कुछ दूर पहुंचने पर सेना के एमआई- 17 से छिटक कर क्रिस्टल हेलीकाप्टर पहाड़ियों से होकर मंदाकिनी नदी में समा गया.

केदारघाटी और अन्य जगहों पर हुए हेलीकॉप्टर हादसे (PHOTO-ETV Bharat)

हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली पर नहीं हुआ काम:पिछले वर्ष हुए हादसे के बाद सरकार ने हेली सेवाओं के संचालन की निगरानी के लिए एक हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली शुरू करने की बात कही थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है. केदारनाथ में हवा की दिशा और दबाव की जानकारी के लिए अभी तक एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी रूम भी स्थापित नहीं किया गया है. एटीसी को लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) अब प्रयास में लगे हुए हैं, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही उसे स्थापित किया जाएगा.

हेलीकॉप्टर हादसे में किसी को नहीं हुआ नुकसान:जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हम चाहते थे कि खराब हेलीकॉप्टर को गोचर तक पहुंचा दिया जाए और सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा था, लेकिन अचानक से पायलट को लगा कि उसे ज्यादा देर तक हेलीकॉप्टर कैरी नहीं किया जा सकता, जिसकी वजह से पायलट ने उसे सुरक्षित स्थान को देखकर नीचे की तरफ छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि इस हादसे में किसी को हानि नहीं हुई है. हालांकि हेलीकॉप्टर पूरी तरह से खत्म हो गया है.

केदारघाटी और अन्य जगहों पर हुए हेलीकॉप्टर हादसे

  • साल 2010 में 12 जून को प्रभातम एविएशन के हेलीकॉप्टर के पंखे से कटकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
  • साल 2013 में जून में आपदा और राहत कार्य में जुटा हेलीकॉप्टर केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे एक पायलट की मौत हो गई थी.
  • साल 2013 में 21 जून को गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी पर एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. उस समय भी अचानक धुंध उठने से विजिबिलिटी शून्य हो गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
  • साल 2013 में 25 जून को केदारनाथ आपदा के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा वायुसेना का एमआई 17 हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते हादसे का शिकार होना पड़ा था, जिसमें पायलट, को-पायलट, जवानों समेत करीब 20 लोगों की मौत हुई थी. गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच घनी पहाड़ियों में कोहरे व खराब मौसम में यह हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था.
  • साल 2013 में 24 जुलाई को केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें एक पायलट और एक इंजीनियर की जान चली गई थी.
  • साल 2016 में भी टेक ऑफ करते समय एक हेलीकॉप्टर का दरवाजा अचानक हवा में खुल गया था. जिसकी वजह से यह हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाल-बाल बचा था.
  • साल 2017 में 10 जून को बदरीनाथ धाम में टेक ऑफ करते समय एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें एक चीफ इंजीनियर की मौत हो गई थी.
  • साल 2018 में 3 अप्रैल को एक सेना का हेलीकॉप्टर बिजली के तार में उलझकर दो हिस्सों में टूट कर क्रैश हुआ था. हालांकि, इस घटना में हेलीकॉप्टर सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए थे.
  • साल 2019 में केदारनाथ में ही एक हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी.
  • साल 2019 में 21 अगस्त को उत्तरकाशी के आराकोट में आपदा रेस्क्यू अभियान में जुटा हेलीकॉप्टर की ट्रॉली के तारों की वजह से हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी.
  • साल 2019 में 23 अगस्त को आराकोट में ही एक और हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई, जिसमें एक पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया था.
  • साल 2019 में 23 सितंबर को केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिन्हें हल्की चोटें आई थी.
  • साल 2022 में 18 अक्टूबर को केदारनाथ से उड़ा हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के बाद क्रैश हो गया था. इस हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की जान चली गई थी.
  • साल 2023 में 23 अप्रैल को यूकाडा के वित्त महाप्रबंधक अमित सैनी की केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर की टेल रोटर से कटकर मौत हो गई थी.
  • साल 2023 में 2 अक्टूबर को गुप्तकाशी से पांच तीर्थयात्रियों को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर की केदारनाथ पुराने पैदल मार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी, जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई थी.
  • साल 2024 में 24 मई को सिरसी से केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर की हेलीपैड से कुछ ही दूरी पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी, जिसमें 6 लोग बाल-बाल बच गए थे.

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Last Updated : Aug 31, 2024, 7:11 PM IST

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