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भयंकर गुस्से में है केके पाठक, फोड़ा 'लेटर बम', राजभवन से कहा- शिक्षा विभाग के काम में हस्तक्षेप न करें - KK Pathak clash with Raj Bhavan - KK PATHAK CLASH WITH RAJ BHAVAN

KK Pathak शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने काम और बयान को लेकर विवादों में रहते हैं. इस बार उनके निशाने पर राज्यपाल सचिवालय है. केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को पत्र लिखते हुए राज्यपाल सचिवालय को कानून का पाठ पढ़ाया है. केके पाठक ने राज भवन सचिवालय को शिक्षा विभाग के किसी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह भी दी है. पढ़ें, विस्तार से.

केके पाठक
केके पाठक

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 12, 2024, 8:48 PM IST

Updated : Apr 12, 2024, 9:54 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक. विवादों से इनका गहरा नाता है. जब से शिक्षा विभाग में आये हैं, किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में रहते हैं. कभी अपने विभाग के मंत्री के आप्त सचिव को सचिवालय में घुसने से मनाही कर देते हैं तो कभी पर्व-त्योहार के मौके पर शिक्षकों की छुट्टी रद्द कर देते हैं. इतना ही राजभवन से भी उनका टकराव जारी है. अब केके पाठक ने राज भवन सचिवालय को शिक्षा विभाग के किसी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह दे डाली है.

राजभवन को लिखा गया पत्र.

केके पाठक ने पठाया कानून का पाठः केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को पत्र लिखते हुए राज्यपाल सचिवालय को कानून का पाठ पढ़ाया है. उन्होंने एक तरह से नसीहत भरा पत्र लिखते हुए राज्यपाल को उनकी शक्तियों के बारे में भी बताया है. केके पाठक ने पत्र के माध्यम से पूछा है कि किस नियम के तहत कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बुलाई बैठक में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति को कहा है कि आपको धारा 9(7)(ii) शक्ति प्रदान करता है.

अपने अधिकार में रहने की नसीहतः इसके तहत कुलाधिपति को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक हित में कोई भी निर्देश जारी करने का अधिकार देता है. केके पाठक ने पत्र में लिखा है कि यह धारा कुलपति को विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के बीच विद्रोही व्यवहार को भड़काने और पूर्ण अराजकता की स्थिति पैदा करने की अनुमति नहीं देता है. उन्होंने कहा है कि इस शक्ति के तहत कुलाधिपति विश्वविद्यालय के अधिकारियों को विभाग की अवहेलना करने के लिए कह कर अपने अधिकार से आगे नहीं बढ़ सकते हैं.

राजभवन को लिखा गया पत्र.

नियम का दिया हवालाः पत्र में उन्होंने राज्यपाल सचिवालय से कहा है कि यह स्पष्ट किया जाए कि किस नियम के तहत कुलपति को किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए कुलाधिपति की अनुमति लेनी होती है. इसके अलावा किस नियम के तहत कुलाधिपति ने ऐसी अनुमति देने से इनकार कर दिया है. राज्यपाल के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा है कि यदि निर्देश राज्यपाल की ओर से है तो मुझे यह बताने के अलावा कुछ नहीं कहना है कि कुलाधिपति की कुर्सी उच्च संवैधानिक स्थिति होती है. इसलिए उपयुक्त होगा कि आप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से संवाद करते. पत्र के अंत में सलाह दी कि आप विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें.

क्या है मामलाः गौरतलब है कि राजभवन और शिक्षा विभाग में लंबे समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है. शिक्षा विभाग द्वारा अब तक 6 बार कुलपतियों की बैठक बुलाई गई है और राजभवन के आदेश पर एक भी बार विश्वविद्यालय के कुलपति शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राजभवन को नसीहत भरा पत्र जारी किया है और वह भी अपने लेटर पैड से जारी किया है.

Last Updated : Apr 12, 2024, 9:54 PM IST

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