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श्रीनगर पहुंचे मेजर दिग्विजय सिंह रावत, युवाओं को दिये टिप्स, शेयर किये सेना के अनुभव - Kirti Chakra winner Digvijay Rawat

Major Digvijay Singh Rawat, Kirti Chakra winner Digvijay कीर्ति चक्र विजेता मेजर दिग्विजय सिंह रावत श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे. इस दौरान मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने सेना में अपने अनुभवों को साझा किया. साथ ही उन्होंने चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बात की.

Major Digvijay Singh Rawat
श्रीनगर पहुंचे मेजर दिग्विजय सिंह रावत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2024, 3:17 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 4:15 PM IST

श्रीनगर पहुंचे मेजर दिग्विजय सिंह रावत (ETV Bharat)

श्रीनगर: विश्व की जानी मानी भारतीय सेना के 21 पैरा में सैन्य अधिकारी कीर्ति चक्र विजेता मेजर दिग्विजय सिंह रावत इन दिनों अपने गृह नगर श्रीनगर गढ़वाल में हैं. श्रीनगर पहुंचे मेजर दिग्विजय सिंह रावत के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. मेजर दिग्विजय सिंह रावत को हाल ही में राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है. श्रीनगर पहुंचे मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने इस दौरान ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने युवाओं को मोटिवेटेड किया. साथ ही उन्होंने आतंकवादियों के मुठभेड़ सहित दूसरे पहलुओं पर खुलकर बात की.

मेजर दिग्विजय सिंह रावत को मिला कीर्ति चक्र (ETV Bharat)

वो घटना जिसके लिए मिला कीर्ति चक्र:कीर्ति चक्र से सम्मानित मेजर दिग्विजय सिंह रावतने बताया मणिपुर में बड़े वीवीआइपी का दौरा था. इस दौरान वे भी वहीं तैनात थे. सुरक्षा सम्बंधी ड्यूटी में वे भी तैनात थे. तभी उनके एक सोर्स ने उन्हें बताया कि आने वाले वीवीआइपी की जान को खतरा है. कुछ नक्सल समूह के लोग वीवीआइपी पर हमला करने जा रहे हैं. इस इनपुट को उन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों के साथ साझा किया. जिसके बाद इस पूरे इनपुट पर एक प्लान बनाया गया. जिसके बाद हमला करने वाले लोगों को मार गिराया गया. साथ ही वीआईपी की जान भी बचाई गई. इसके लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया.

श्रीनगर गढ़वाल से हुई शुरुआती पढ़ाई:मेजर दिग्विजय सिंह रावतने बताया उनकी शुरुआती पढ़ाई केवी श्रीनगर से हुई. उसके बाद शहर के ही कान्वेंट स्कूल से ही उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. उसके बाद बीएससी के लिए उन्होंने गढ़वाल विवि में एडमिशन लिया. बीएससी के दौरान ही उन्होंने सेना में जानें की कोशिशें शुरू कर दी. बाद वे टेक्निकल एंट्री के जरिये वे सेना में शामिल हुये. यहां से मेजर दिग्विजय सिंह रावत का सेना में सफर शुरू हुआ. वे कमीशन लेकर सेना में लेफ्टिनेंट बने. आज वे पैरा कमांडो हैं.

कीर्ति चक्र विजेता मेजर दिग्विजय (ETV Bharat)

युवाओं को सेना के लिए किया मोटिवेट:मेजर दिग्विजय ने बताया पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के युवा प्राकृतिक रूप से फिजिकल मज़बूत होते हैं. इसलिए युवाओं के ये लिए ये प्लस प्वाइंट होता है. उन्हें केवल पढ़ाई पर ध्यान देना होता है. उन्होंने कहा पहाड़ के अधिकतर युवा सेना में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा आज भी जो युवा फौज में शामिल होना चाहते हैं वे उनकी मदद के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा

कीर्ति चक्र मिलने के बाद परिवार के साथ दिग्विजय सिंह रावत (ETV Bharat)

क्या होता है पैरा कमांडो:पैरा कमांडो, भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की एक विशेष बल बटालियन है. इसे अनौपचारिक रूप से पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के नाम से भी जाना जाता है. पैरा कमांडो, दुनिया की बेहतरीन और बहुमुखी स्पेशल फ़ोर्स यूनिटों में से एक है. इनका काम देश के दुश्मनों के ख़िलाफ़ खास ऑपरेशन करना होता है. पैरा कमांडो, आतंकवाद-रोधी, विद्रोह-विरोधी, और प्रत्यक्ष कार्रवाई जैसी कई भूमिकाओं में माहिर होते हैं.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 4:15 PM IST

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