श्रीनगर: पौड़ी जिले के श्रीनगर के प्रसिद्ध कमलेश्वर महादेव मंदिर में 4 फरवरी को घृत कमल पूजा का भव्य अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा. घृत कमल पूजा अचला सप्तमी के शुभ अवसर पर संपन्न होगी. जिसमें मंदिर के महंत आशुतोष पुरी दिगंबर वेश धारण कर मंदिर की लोट परिक्रमा करेंगे. इस विशेष अनुष्ठान के दौरान मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग को घी से ढका जाएगा और 52 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाएगा.
जानें क्या है घृत कमल पूजा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब माता सती के वियोग में विरक्त हो गए थे, तब ताड़कासुर नामक राक्षस का आतंक बढ़ने लगा. देवताओं की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने बताया कि ताड़कासुर का वध भगवान शिव पुत्र द्वारा ही संभव होगा. इसके बाद देवी पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को विवाह के लिए राजी किया. विवाह के पश्चात कार्तिकेय का जन्म हुआ और उन्होंने ताड़कासुर का वध किया. इसी अवसर पर देवताओं ने भगवान शिव की आराधना करते हुए घृत कमल पूजा की, जो कालांतर में एक परंपरा बन गई.
मंदिर में की जाती है भव्य सजावट: महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि घृत कमल पूजा अचला सप्तमी के दिन की जाती है, जो इस वर्ष 4 फरवरी को पड़ रही है. इस अवसर पर मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा. मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से इस पावन अनुष्ठान में शामिल होकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का आह्वान किया है. वहीं घृत कमल पूजा में बड़ी तादाद में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं.