खंडवा: जानवर-पक्षियों से लोगों का प्रेम आपने बहुत देखा होगा. कोई अपने घर में इन्हें पालता है, तो कोई बाहर जू वगैरह में जाकर उन्हें देखकर खुद को खुश करता है. जरूरत पड़ने पर इन बेजुबान जानवर और पक्षियों की लोग अपनी तरह से मदद भी करते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा खंडवा जिले के कलेक्ट्रेट में देखने मिला. जहां नवागत कलेक्टर ऋषव गुप्ता की पहल पर बरसों बाद कबूतरों को अपना आशियाना मिला है.
बरसों बाद कबूतरों को मिला आशियाना
काले पत्थरों से बने बरसों पुराने कलेक्ट्रेट में 100 से ज्यादा कबूतरों का बसेरा है. दीवारों पर अब तक रहते आ रहे कबूतरों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कभी कोई ऐसा कलेक्टर भी आएगा जो उनकी फिक्र करेगा. दरअसल, बरसों पुराने इस भवन में कबूतरों का ठिकाना है, लेकिन कभी इन्हें अपना घर नहीं मिला है. अब नवागत कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने वन विभाग के डीएफओ राकेश डामोर के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट में अलग-अलग स्थान पर लकड़ी के पिजन हाउस बनवाये हैं.
खंडवा में कबूतरों को नया घर मिला (ETV Bharat) कलेक्टर ने बनवाए पिजन हाउस
इन पिजन हाउस को दीवारों पर लगवाया गया है. इससे अब कबूतरों को अब अपना नया आशियाना मिल गया है. 30 साल से भी ज्यादा समय से वे इन कबूतरों को यहां देख रहे हैं. इन कबूतरों को किसी ने भी अब तक संरक्षित नहीं किया है. खंडवा कलेक्टर और डीएफओ ने जिस तरह से इनकी चिंता की है. वह वाकई कीबिले तारीफ है.
कबूतरों के लिए बना पिजन हाउस (ETV Bharat) कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई थी कबूतर की मौत
बता दें करीब एक माह पहले कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में बैठक के दौरान पंखे से कट कर एक कबूतर की मौत हो गई थी. बैठक में कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह भी मौजूद थे. तब उन्होंने इस घटना पर दुःख जताते हुए चिंता जताई थी. अब कबूतरों को आशियाना मिल जाने पर मंत्री विजय शाहने कहा कि "भाजपा की सरकार जब आवास योजना सभी को उपलब्ध करा रही है, तो आखिरकार इन मासूम और बेजुबान कबूतरों को इनका आशियाना क्यों नहीं मिल रहा है. उन्होंने इस बात को लेकर बैठक में मौजूद तमाम जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की.