छतरपुर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेई की महत्वकांक्षी केन बेतवा लिंक परियोजना अपने मूल रूप में आ रही है. बुंदेलखंड में 44 हजार करोड़ इस योजना पर खर्च होगा. इस योजना के दायरे में 14 गांवों को विस्थापित किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है. 14 गांवों के करीब 4 हजार परिवार हैं, जिनका भू-अर्जन का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है. करीब 2700 परिवारों के बीच भू-अर्जन का काम भी पूरा हो चुका है. जिसका जायजा लेने कमिश्नर और कलेक्टर सीधे उन ग्रामीणों के बीच पहुंचे जो इस योजना से प्रभावित होंगे.
लोअर टनल से होगा सिंचाई क्षेत्र का विकास
केन बेतवा लिंक परियोजना से जिले में सबसे अधिक सिंचाई क्षेत्र का विकास लोअर टनल से किया जाएगा. मुख्य बांध से एक लोअर नहर बनाई जाएगी. इससे सिंचाई क्षेत्र विकसित किया जाएगा. लोअर टनल से 1 लाख 39 हजार 848 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का विस्तार किया जाएगा. इसी प्रकार लिंक नहर पर पांच स्थानों पर पंप हाउस बनाए जाएंगे. इन पंप हाउस से सिंचाई के लिए पानी सप्लाई होगा. पंप हाउस क्रमांक 1 से 43678 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. इसके साथ ही पंप हाउस नंबर 3 और पंप हाउस नंबर 3 से मिलाकर 62 हजार 730 हैक्टेयर जमीन की सिंचाई का क्षेत्र विकसित किया जाएगा. इसके अलावा पंप हाउस नंबर 4 और 5 से मिलाकर 63 हजार 100 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का विकास होगा. मप्र जल संसाधन विभाग ने इस क्षेत्र के विकास की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. सबसे पहले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
परियोजना को लेकर 14 गांवों को विस्थापित किया जा रहा (ETV Bharat) डीपीआर के बाद बिछाई जाएगी पाइप लाइन
चार एजेंसियों को डीपीआर बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं. डीपीआर बनने के बाद मुख्य नहर से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन का जाल बिछाया जाएगा. लिंक नहर से पानी को भारी मशीनों से पंप करके हाई प्रेशर से पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा. इसमें भारी बिजली की खपत होगी. इस कारण सभी पंप हाउस के पास विद्युत सब स्टेशनों की स्थापना की जाएगी. छतरपुर जिले की राजनगर, लवकुशनगर, चंदला, गौरिहार, छतरपुर, बिजावर, सटई, महाराजपुर, नौगांव और बड़ामलहरा के हिस्से में सिंचाई क्षेत्र को विकसित किया जाएगा.
गांव ने जन चौपाल लगाकर योजना की समीक्षा
सागर कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने कलेक्टर छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल के साथ केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत बनने वाले डोड़न बांध स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही विस्थापन संबंधी लोगों को अभी तक मिले मुआवजा राशि कि समीक्षा की. इस दौरान एसडीएम विजय द्विवेदी, तहसीलदार अभिनव शर्मा, जनपद सीईओ अंजना नागर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे. कमिश्नर डॉ. रावत ने डैम के डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि एवं ग्रामों के संबंध में समीक्षा करते हुए मुआवजे की राशि के वितरण एवं पैकेज की राशि सम्बंधित लोगों के अभी तक बैंक खातों जमा होने की जानकारी ली. बकाया राशि के प्रकरणों को जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए.
एसडीएम ने ग्रामवासियों से लिये सुझाव
एसडीएम विजय द्विवेदी ने ग्रामवासियों को अधिग्रहण की जा रही जमीन एवं मुआवजा राशि की जानकारी दी. इस दौरान ग्रामवासियों से सुझाव भी लिए गए. कमिश्नर ने कहा, ''जिन्होंने अपने बैंक खातों की जानकारी अभी तक प्रशासन को नहीं दी है वह जल्द जानकारी भेज दें, ताकि मुआवजे की राशि सम्बंधित के खाते में जमा कराई जा सके.'' उन्होंने धारा 19 की कार्यवाही के भी निर्देश दिए. ग्रामवासियों से अपील करते हुए कहा कि पैकेज की राशि का सही इस्तेमाल करें और फिजूल खर्च न करें.
8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में जाएगी राशि
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि, ''511 कुल प्रभावित ग्रामीण हैं, जिनकी भुगतान योग्य अवार्ड राशि 8 करोड़ 12 लाख 38 हजार की बनी है. जिनमें से 6 करोड़ 59 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है. बाकी 55 लाख रुपए की भुगतान राशि के खाते प्राप्त होने हैं, जो भुगतान के लिए शेष हैं.'' उन्होंने बाकी रहे लोगों से जल्द ही बैंक खातों की जानकारी भेजने की अपील की है.
डोड़न गांव में बनेगा बांध, 11 किमी लंबी सुरंग
केन नदी पर मुख्य बांध का निर्माण डोड़न गांव में हो रहा है. बांध से लिंक नहर के निर्माण के लिए 11 किमी लंबी सुरंग का निर्माण होगा. इसके बाद 212 किमी लंबी नहर का निर्माण किया जाना है. सुरंग के निर्माण के साथ ही 70 किलोमीटर लंबी लिंक नहर का निर्माण भी छतरपुर जिले में किया जाना है. यह नहर छतरपुर जिले के 49 गांवों से होकर गुजरेगी. इसके लिए 165 हेक्टेयर निजी जमीन और 1134 हेक्टेयर शासकीय भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है.