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हरियाणा का वो मंदिर जहां जाने से घबराती हैं महिलाएं, जानिए क्यों नहीं करना चाहती भगवान के दर्शन - KARTIKEYA TEMPLE PEHOWA KURUKSHETRA

हरियाण की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में कार्तिकेय का एस ऐसा मंदिर है जहां पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है.

Kartikeya temple in Pehowa Kurukshetra where women become widows after visiting it
हरियाणा का वो मंदिर जहां जाने से घबराती हैं महिलाएं (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 27, 2024, 10:55 PM IST

कुरुक्षेत्र :हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा में कार्तिकेय का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है. कहा जाता है कि यहां पर कार्तिकेय के पिंडी रूप के दर्शन करने से महिलाएं सात जन्मों के लिए विधवा हो जाती है.

कुरुक्षेत्र की भूमि :धर्म नगरी कुरुक्षेत्र को भारत ही नहीं विदेशों में भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर धर्म और अधर्म के बीच महाभारत का युद्ध हुआ था. इसी भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. कुरुक्षेत्र की भूमि पर महाभारत की लड़ाई लड़ी गई थी और यहां पर ऐसी मान्यता है कि अगर किसी इंसान की मृत्यु हो जाती है तो उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन कुरुक्षेत्र में जहां महाभारत के चलते सैकड़ों तीर्थ स्थल हैं तो वहीं यहां पर एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जहां पर महिलाओं के प्रवेश पर पूर्ण रूप से सदियों से पाबंदी है.

महिलाओं की एंट्री है बैन (Etv Bharat)

पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर कार्तिकेय जी का मंदिर :हम बात कर रहे हैं कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा कस्बे में स्थित कार्तिकेय जी के मंदिर की. ये मंदिर पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर स्थित है जहां अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए लोग दूरदराज से पिंडदान और पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं. यहीं पर कार्तिकेय का मंदिर बना हुआ है जो सतयुग के समय का बताया जाता है. महाभारत काल से भी पहले इस मंदिर का निर्माण हो चुका है और इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई हुई है.

कुरुक्षेत्र का कार्तिकेय मंदिर (Etv Bharat)

कार्तिकेय जी का पिंडी रूप विराजमान :कार्तिकेय जी के मंदिर के प्रमुख पुरोहित और महंत दीपक गिरी ने बताया कि सतयुग के समय जब भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती ने अपने दोनों बेटे कार्तिकेय और गणेश को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए कहा था, तब गणेश भगवान ने अपनी तीव्र बुद्धि के चलते अपने माता-पिता के चक्कर लगाए थे, जबकि कार्तिकेय अपने मोर की सवारी पर सवार होकर पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाकर अपने माता-पिता के पास पहुंचे थे. लेकिन उससे पहले ही शिव-पार्वती ने गणेश को अपना आशीर्वाद दे दिया था. इससे नाराज़ होकर कार्तिकेय ने गुस्से में आकर अपनी माता के प्रति रोष जाहिर किया और उन्होंने कहा कि मैं अपने माता और पिता दोनों के अंश से बना हूं. माता से मुझे मेरे शरीर पर मांस,रक्त और चमड़ी मिली है जबकि पिता से मुझे शारीरिक ढांचा हड्डियों के रूप में मिला है. उन्होंने अपनी मां से गुस्सा होकर अपनी चमड़ी और मांस का त्याग कर दिया था और वे अपने हड्डियों के शारीरिक ढांचे के रूप में पिहोवा में पिंडी के रूप में विराजमान हुए थे. तब उन्होंने अपनी मां को कहा था कि अगर कोई भी महिला उनके इस रूप में दर्शन करती है तो वो सात जन्मों के लिए विधवा हो जाएगी. इसी मान्यता के अनुसार यहां पर सिर्फ पुरुष ही कार्तिकेय के पिंडी रूप के दर्शन कर सकते हैं. महिलाओं के लिए यहां पर दर्शन करने पर पाबंदी लगाई हुई है.

भगवान कार्तिकेय का मंदिर (Etv Bharat)
कार्तिकेय जी को अर्पित किया जाता है सरसों का तेल : मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि यहां पर कार्तिकेय मंदिर में उनके दर्शन के दौरान सरसों का तेल और मोर पंख चढ़ाने की परंपरा है. जब कार्तिकेय ने अपनी मां से क्रोधित होकर अपने शरीर का मांस और रक्त अग्नि में समर्पित कर दिया था, तब उनके बाद महादेव ने उनको पिहोवा तीर्थ में जाने का आदेश दिया था, जिसके चलते वहां पर उनका पिंडी रूप विराजमान है. ऐसा माना जाता है कि सरसों का तेल चढ़ाने से उनके शरीर को शीतलता मिलती है, जिससे कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. ऐसा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां पर तेल चढ़ाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है. मोर पंख को भी यहां पर चढ़ाया जाता है.
कार्तिकेय मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित (Etv Bharat)

नवजात बच्ची पर भी मंदिर में आने पर है पाबंदी :कार्तिकेय के द्वारा जब श्राप दिया गया था तो वो केवल महिलाओं के लिए ही नहीं संपूर्ण महिला जाति के लिए दिया गया था. इसलिए यहां पर जहां विशेष तौर पर महिलाओं के जाने पर पाबंदी है तो वहीं नवजात बच्ची के भी मंदिर के अंदर जाने पर पाबंदी है. कार्तिकेय के भारत में और भी दो मंदिर विश्व विख्यात है लेकिन ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मंदिर के प्रांगण में महिलाओं के जाने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई हुई है.

कुरुक्षेत्र के पिहोवा में कार्तिकेय का मंदिर (Etv Bharat)

महिला ने किए दर्शन, पति की हो गई मौत :पंडित के पुजारी ने दावा करते हुए कहा कि यहीं आसपास के एक गांव की महिला ने कुछ साल पहले यहां पर कार्तिकेय मंदिर में पिंडी रूप के दर्शन कर लिए थे और कुछ समय बाद ही उनके पति की मौत हो गई थी. हालांकि पहले तो वे सिर्फ पौराणिक कथाओं में सुनते आ रहे थे कि यहां पर महिलाएं दर्शन करती है तो उनके पति की मृत्यु हो जाती है लेकिन ये उनकी आंखों के सामने भी हुआ है. हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं करते कि उसकी मौत किन कारणों से हुई. लेकिन सभी का मानना है कि महिला ने कार्तिकेय के मंदिर में पिंडी रूप के दर्शन कर लिए थे जिसके चलते उसके पति की मौत हो गई थी.

हरियाणा में कार्तिकेय का मंदिर (Etv Bharat)

महिलाओं में डर,नहीं करती दर्शन :स्थानीय महिला शिमला ने बताया कि वे बड़े बुजुर्गों से ही सुनते आ रहे हैं कि यहां पर महिलाओं के जाने पर पाबंदी है क्योंकि यहां पर कार्तिकेय जी का पिंडी रूप विराजमान है और उनके दर्शन करना अपशगुन माना जाता है. इसी के डर के चलते यहां पर कोई भी महिला दर्शन करने के लिए नहीं जाती ,ताकि उनके साथ भी कोई अनहोनी ना हो जाए. ये परंपरा सदियों से चलती आ रही है. उनके बड़े बुजुर्ग पहले इस बात को कहते थे और अब वे भी इस बात को मानते हैं और दर्शन नहीं करते.

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