मसौढ़ी: बिहार सहित देशभर में जननायक कर्पूरी ठाकुरकी 100वीं जयंती मनाई जा रही है. जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद पूरे देशवासियों में खुशी का माहौल है. ऐसे में बुधवार को मसौढ़ी के कर्पूरी चौक पर भी कर्पूरी जी की जयंती मनाई गई.
कर्पूरी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया: मिली जानकारी के अनुसार, मसौढ़ी एसडीएम प्रीति कुमारी ने कर्पूरी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. जहां उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग की आवाज थे. इसलिए उन्हें आज भी लोग जननायक कहते हैं.
रेड क्रॉस सोसाइटी ने बांटे कंबल: वहीं, उन्होंने कहा कि आज भी कर्पूरी ठाकुर के विचार प्रासंगिक हैं. हर किसी को उनके बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए. इधर, मौके पर मौजूद गरीबों और असहयों लोगों के बीच रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा कंबल का वितरण किया गया.
"प्रदेश भर में पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग की आवाज बनने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयंती पर आज हम उन्हें याद कर रहे हैं. उनके हर एक विचार प्रासंगिक है. उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प ले रहे हैं. हमें उसके बताए रास्तों पर चलना चाहिए." - प्रीति कुमारी, एसडीएम, मसौढ़ी
मसौढ़ी के कर्पूरी चौक पर मनाई गई कर्पूरी जयंती समाजवादी नेता के तौर पर थी पहचान: इस मौके पर शिक्षाविद राहुल चंद्र, पूर्व प्रखंड प्रमुख रमाकांत रंजन किशोर, लाल यादव रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रभारी विश्व रंजन आदि शामिल रहे. बता दें कि कर्पूरी ठाकुर की पहचान बड़े समाजवादी नेता के तौर पर होती है. गांधी के असहयोग आंदोलन में भी हिस्सा लिया था और जेल गए थे. 1952 में ताजपुर विधानसभा से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीतकर विधायक बने थे.
अपने कार्यकाल में लिए थे कई फैसले:इसे अलावा कर्पूरी ठाकुर ने कई फैसले लिए जो काफी चर्चा में रहा था. बिहार में शराबबंदी भी लागू की थी, लेकिन सरकार गिरने के बाद शराबबंदी को समाप्त कर दिया गया था. उन्होंने अपने शासनकाल में गांधी मैदान में 10000 एमबीबीएस और इंजीनियर ग्रेजुएट को बुलाकर नौकरी बाटी थी, जो काफी चर्चा में रहा था.
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