दुमका: जरमुंडी प्रखंड के कटेली आसनबनी गांव में भुईंया घटवाल समाज सुधार समिति द्वारा करमा पूजा अखरा महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया. इस दौरान पारंपरिक विधि से सामूहिक करमा पर्व मनाया गया. जिसमें मांदर एवं नगाड़े की थाप पर लोग झूमते नजर आए.
करमा पूजा कमेटी के अध्यक्ष रविकांत राय ने बताया कि भुईंया, घटवाल जाति का मुख्य पर्व करमा है, जो आपसी प्रेम एवं भाईचारे का प्रतीक है. अपनी संस्कृति एवं पहचान को कायम रखने के लिए इस पर्व का बहुत महत्व है. अध्यक्ष रविकांत राय ने बताया कि भुईंया घटवाल जाति आदिकाल से ही संघर्ष करते आ रही है. मूल आदिवासी होने के बावजूद केंद्र एवं राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण हम अपने हक और अधिकार से वंचित हैं.
भुईंया घटवाल समाज के रविकांत राय ने बताया कि हम लोग झारखंड के मूलवासी और आदिवासी हैं. हमलोग झारखंड में पूर्व से महत्वपूर्ण प्राकृतिक पर्व कर्मा समारोह पूर्वक हर साल मानाते हैं और मनाते रहेंगे. इससे समाज और आम लोगों में पर्व को लेकर उत्साह बढ़ता है और आपसी भाईचारे का भी आदान-प्रदान होते रहता है.