गया: बिहार के बोधगया में कुछ दिन पहले 11वीं तीन दिवसीय राष्ट्रीय बीच कबड्डी प्रतियोगिता हुई. इस प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर विश्व कप टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन किया जाना था. सलेक्शन कमेटी में कबड्डी के नामचीन खिलाड़ी और अर्जुन अवार्डी मंजीत छिल्लर भी शामिल थे. बिहार के बोधगया में मंजीत छिल्लर ने कबड्डी खेल की तारीफ करते हुए कहा कि यह अमीरी -गरीबी की खाई को पाट देती है.
"कबड्डी के लिए क्रिकेट जैसा 10 हज़ार रुपये का बैट लेने की जरूरत नहीं पड़ती. मिट्टी का अपना ग्राउंड और 300 रुपये की टी शर्ट और निकर काफी होता है. बस इसे लो और शुरू हो जाओ."- मंजीत छिल्लर, अर्जुन अवार्डी कबड्डी खिलाड़ी
अपना 'लक' है जरूरीः मंजीत छिल्लर ने कहा कि कबड्डी में लक अहम होता है. कबड्डी में चोट लग जाती है. कई हादसे हो जाते हैं. ऐसे में कबड्डी में लक का भी योगदान होता है. कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर कोई नेशनल इंटरनेशनल प्लेयर ही बन जाए. मेरे गांव में सैंकड़ों लोग कबड्डी खेलते थे, लेकिन इंटरनेशनल में 4-5 खिलाड़ी ही पहुंचे. जिस तरह स्कूल में 300 बच्चे पढ़ते हैं और सभी ऊंचे लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर लेते, इस तरह से कबड्डी है.