पटनाःबिहार बीजेपी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. कुछ मुद्दों को लेकर पार्टी के नेता कई गुटों में बंट चुके हैं. वहीं नीतीश कुमार भी भाजपा के मंत्रियों से दूरी बना रखी है. बिहार विधानसभा चुनाव भी करीब है. इन चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी जेपी नड्डा को सौंपी गयी है. बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि जेपी नड्डा विधानसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल करने 28 सितंबर को पटना आ रहे हैं.
मिशन 2025 बड़ी चुनौतीः 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं बीजेपी के लिए मिशन 2025 बड़ी चुनौती है. बिहार बीजेपी संक्रमण के दौर से गुजर रही है. सुशील मोदी के निधन के बाद बिहार बीजेपी में कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसकी छतरी के नीचे सभी नेता आ जाएं. पार्टी के अंदर अपनी डफली अपनी राग वाली स्थिति हो गई है. कहा जा रहा है कि, इन दिनों पार्टी कई गुटों में बंट चुकी है. ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना मुश्किल हो सकता है. भाजपा नेतृत्व को इसकी जानकारी है.
सम्राट चौधरी के मन में असंतोषः भाजपा में सम्राट चौधरी का कद हाल के दिनों में काफी बढ़ा है. सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री होने के अलावा बिहार विधान मंडल दल के नेता भी हैं. पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था. लेकिन एक साल भी नहीं बीते कि सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा. कहा गया कि भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है. दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और वर्तमान में वह मंत्री भी हैं. कहा जा रहा है कि सम्राट चौधरी नाराज हैं.
"बिहार बीजेपी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. नेता कई गुटों में बंटे हुए हैं. सुशील मोदी के बाद पार्टी के अंदर कोई सर्वमान्य नेता नहीं है. एक व्यक्ति एक पद को लेकर भी नेताओं के अंदर असंतोष है. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद उपजे हालात पर भी पार्टी नेता चिंतन करेंगे."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
नई प्रदेश कमेटी को लेकर संशयः 26 जुलाई को दिलीप जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष बने. 2 महीने बीत जाने के बाद भी ना तो प्रदेश कमेटी का नए सिरे से गठन हुआ है और ना ही दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद छोड़ा है. मिल रही जानकारी के मुताबिक दिलीप जायसवाल पर इस बात के लिए दबाव है कि प्रदेश कमेटी में हल्का फुल्का ही फेरबदल की जाए. पूरी टीम नहीं बदली जाए. अगर नई प्रदेश कमेटी दिलीप जायसवाल बनाते हैं तो विधानमंडल दल के नेता सम्राट चौधरी के लिए भी स्थिति असहज होगी.
भाजपा में सीएम पद के कई दावेदारः फिलहाल भाजपा में 6 ऐसे नेता सक्रिय हैं जो प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं. सबसे ऊपर नाम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का है. इसके अलावा सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम दावेदारों की सूची में शामिल है. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव अंतिम पारी खेलना चाहते हैं. इसके अलावा भाजपा सांसद संजय जयसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का नाम भी इस सूची में शामिल है.
दूसरी बार पटना पहुंच रहे हैं जेपी नड्डा: बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमाम दलों ने सदस्यता अभियान शुरू किया है. भाजपा ने भी एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. 1 महीने के अंदर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. 21 दिनों के अंतर पर जेपी नड्डा का दूसरा बिहार दौरा है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 7 सितंबर को पटना आए थे और दो दिन पटना में रहे थे. जेपी नड्डा ने कई सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.