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जोबा मांझी ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, सिंहभूम से बनी हैं झामुमो सांसद - Joba Manjhi resignation

JMM MLA's resignation. सिंहभूम सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाली जोबा मांझी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो से मिलकर उन्हें त्यागपत्र सौंपा.

JOBA MANJHI GIVEN RESIGNATION
स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को इस्तीफा सौंपती जोबा मांझी (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 13, 2024, 3:25 PM IST

रांची: पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर से झामुमो विधायक जोबा मांझी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. सिंहभूम सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से मिलकर इस्तीफा सौंपा है. उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि सिंहभूम सीट से संसद सदस्य निर्वाचित होने की वजह से विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया जाना अपेक्षित है. इसलिए उन्होंने 13 जून को त्यागपत्र देते हुए तत्काल प्रभाव से स्वीकृत करने का आग्रह किया है. जोबा मांझी ने विधानसभा सदस्य के रूप में प्राप्त संरक्षण और सहयोग के लिए स्पीकर के प्रति आभार जताया है.

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एसटी के लिए रिजर्व सिंहभूम सीट पर जोबा मांझी को प्रत्याशी बनाया था. उनका मुकाबला भाजपा की प्रत्याशी गीता कोड़ा से था. 2019 में गीता कोड़ा बतौर कांग्रेस प्रत्याशी बनकर सिंहभूम में चुनाव लड़ी थीं और जीत हासिल की थी. लेकिन 2024 में चुनाव के ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गईं थी. इसकी वजह से इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट झामुमो के पास चली गई थी. 'हो' आदिवासी बहुल सिंहभूम में गीता कोड़ा की दावेदारी मजबूत दिख रही थी. इसके बावजूद संथाल आदिवासी समाज के आने वाली जोबा मांझी ने उनके सारे समीकरण को ध्वस्त कर सीट पर कब्जा जमा लिया.

बदल जाएगा विधानसभा का स्वरूप

जोबा मांझी के इस्तीफे के बाद विधानसभा में झामुमो विधायकों की संख्या 30 से घटकर 29 हो गई है. माना जा रहा है कि दुमका सीट से लोकसभा का चुनाव जीतने वाले शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन भी बहुत जल्द इस्तीफा सौंपेंगे. उनके इस्तीफे के बाद सदन में झामुमो विधायकों की संख्या 28 हो जाएगी. इसके बावजूद संख्या के लिहाज से चंपाई सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि 81 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है.

इसकी तुलना में कांग्रेस के 17 और राजद के एक विधायक को मिलाकर सदस्यों की संख्या 46 हो जाती है. खास बात है कि जामा से झामुमो विधायक सीता सोरेन ने भाजपा की टिकट पर दुमका से चुनाव लड़ा था. अगर उनका इस्तीफा स्वीकार होता है कि सदन में झामुमो सदस्यों की संख्या 27 रह जाएगी. वहीं भाजपा का साथ छोड़कर हजारीबाग से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जेपी पटेल का मामला भी स्पीकर के ट्रिब्यूनल में है. साथ ही भाजपा के हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल के हजारीबाग लोकसभा सीट जीतने और बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के धनबाद सीट जीतने पर सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या 26 से घटकर 24 हो जाएगी. लेकिन चंद माह बाद राज्य में होने जा रहे चुनाव के लिहाज से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

आपको बता दें कि पूर्ववर्ती हेमंत सरकार में जोबा मांझी महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री थीं. लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार को उनको मंत्री नहीं बनाया गया था. उनकी जगह बसंत सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. वह मनोहरपुर से पांच बार विधायक रहीं है. वह एकीकृत बिहार में राबड़ी देवी, झारखंड में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन सरकार में भी मंत्री रह चुकी हैं.

इसबार के चुनाव में झारखंड की कुल 14 सीटों में से सभी पांच सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत हुई है. इनमें झामुमो के खाते में राजमहल, दुमका और सिंहभूम सीट गई है जबकि खूंटी और लोहरदगा सीट पर कांग्रेस काबिज हुई है. 2019 में इन पांच सीटों में से खूंटी, लोहरदगा और दुमका में भाजपा की जीत हुई थी.

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