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'मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं', 1 अप्रैल से बेरोजगार हो जाएंगे बिहार के अतिथि शिक्षक, सरकार पर उपेक्षा का आरोप - Bihar Guest Teachers - BIHAR GUEST TEACHERS

Bihar Guest Teachers: एक अप्रैल से बिहार के 4257 अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे. शिक्षा विभाग ने बिहार के सरकारी स्कूल को निर्देश जारी किया है कि 31 मार्च के बाद अतिथि शिक्षकों से सेवा नहीं ली जाए. इसको लेकर अतिथि शिक्षकों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर.

4257 अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे
4257 अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 4:14 PM IST

4257 अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे

पटनाः'मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं, मुंह फेर लिया ऐसे जैसे जानते नहीं', यह पंक्ति बिहार के अतिथि शिक्षकों के हाल को बता रहा है. 31 मार्च के बाद अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. यानि एक अप्रैल से शिक्षक बेरोजगार हो जाएगे. इसको लेकर अतिथि शिक्षकों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. कहा कि सरकार को काम निकल गया तो आज हमलोगों को बेरोजगार कर रही है.

'सरकार कर रही बेरोजगार':गोपालगंज के एक प्लस टू विद्यालय के अतिथि शिक्षक कुमार संजीव ने बताया कि जब उन्होंने विद्यालय में योगदान किया था उनकी उम्र 29 वर्ष थी. आज 35 वर्ष है. एसटीइटी की परीक्षा में शामिल होने के लिए उनकी उम्र बची नहीं है. आज सरकार उन्हें बेरोजगार कर रही है. प्रदेश में जब उच्च शिक्षा की हालत खराब थी.

शिक्षा का स्तर सुधाराः उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट का रिजल्ट खराब आ रहा था, उस समय सरकार ने उनकी बहाली की थी. 6 वर्षों में विद्यालय में जाकर बंद विद्यालय को खुलवाकर शैक्षणिक गतिविधियां शुरू की. इंटरमीडिएट का रिजल्ट सुधार और बीते तीन-चार वर्षों से बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर इंटरमीडिएट रिजल्ट की बेहतरीन पर राष्ट्रीय फलक पर जाकर अवार्ड ले रहे हैं.

"6 वर्षों में चुनावी ड्यूटी, जल जीवन हरियाली ड्यूटी, जनगणना में ड्यूटी, मैट्रिक और इंटरमीडिएट के उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन ड्यूटी की है. कोरोना महामारी में क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी की. सरकार जब मुसीबत में सेवा दी है. शिक्षा मंत्री समायोजित करने का आश्वासन दिया. नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि अतिथि शिक्षक अतिथि नहीं रहेंगे और समायोजित होंगे. आज सरकार का सब मतलब निकल गया, बीपीएससी से नए शिक्षकों की बहाली हुई है हमलोगों को निकाला जा रहा है."- कुमार संजीव, अतिथि शिक्षक, गोपालगंज

'41 वर्ष की आयु कहां मिलेगी नौकरी': सिवान के अतिथि शिक्षक बृज किशोर कुमार बताते हैं कि 35 वर्ष की उम्र में उन्होंने अतिथि शिक्षक के तौर पर विद्यालय में योगदान दिया था. आज 6 वर्ष बाद 41 वर्ष की आयु में उन्हें सेवा से सरकार बिना किसी कारण सेवामुक्त कर रही है. इनकी उम्र किसी नौकरी के लिए नहीं रही है. सरकार उन्हें सक्षमता परीक्षा में बैठने का मौका देकर समायोजित कर सकती थी. सरकारी विद्यालयों में उन लोगों ने मेहनत करके शिक्षा के गुणवत्ता को सुधार और इंटरमीडिएट परीक्षा के रिजल्ट को बेहतर किया.

'1 अप्रैल से सेवामुक्त': समस्तीपुर जिला की अतिथि शिक्षिका आरती कुमारी ने बताया कि उन्होंने 2018 में योगदान दिया था. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उनलोगों ने काफी प्रयास किया जिसका परिणाम है कि बीते 5 वर्षों में इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट काफी सुधरा है. आरती कुमारी ने कहा कि उन्हें ना सक्षमता में बैठने का मौका दिया जा रहा है ना शिक्षक बहाली परीक्षा में बैठने के लिए कोई वरीयता दी जा रही है. 1 अप्रैल से सेवामुक्त किया जा रहा है.

नौकरी देने के बदले छीना जा रहाः आरती कुमारी ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री रोजगार देने के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्हीं के शासन में रोजगार छीनने का काम हो रहा है. रोजगार के क्षेत्र में नीतीश कुमार ने कई प्रयास किए हैं और महिला शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयास काफी सराहनीय रहा है. पहले जहां बेटियों को घर के लोग पढ़ाते नहीं थे वहीं आज के समय में लोग अपनी बहू को भी पढ़ा रहे हैं ताकि महिला को नौकरी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 42 साल हो चुकी है. अब वह कहीं नौकरी करने के योग्य भी नहीं है.

अतिथि शिक्षक हताशः 6 साल से प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 4257 अतिथि शिक्षक आगामी 1 अप्रैल से बेरोजगार होने जा रहे हैं. सभी जिला के शिक्षा पदाधिकारी शिक्षा विभाग के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर रहे हैं. शिक्षा पदाधिकारी अतिथि शिक्षकों को बता रहे हैं कि 31 मार्च 2024 के बाद उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी और 1 अप्रैल 2024 से विद्यालय में किसी प्रकार की उनसे कोई भी सेवा नहीं ली जाएगी. नौकरी जाने के कारण सभी अतिथि शिक्षक काफी हताश महसूस कर रहे हैं.

'विजय चौधरी अब नहीं उठाते आवाज': अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विपक्ष में विजय सिन्हा जब थे तो अतिथि शिक्षकों की नौकरी जाने के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार से अक्सर सवाल पूछते थे. अतिथि शिक्षकों की नौकरी बचाई जाने की मांग करते थे. लेकिन आज वह सत्ता में हैं. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार मिलने का समय देते हैं और जब शिक्षक मिलने आते हैं तो चुनावी व्यस्तता कारण बताते हुए मिलते नहीं है.

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