रांची: प्रभात तारा मैदान में 21 अप्रैल को उलगुलान न्याय महारैली आयोजित की जा रही है. झामुमो द्वारा आयोजित इस उलगुलान न्याय महारैली में शामिल होने का न्योता इंडिया ब्लॉक के सभी नेताओं को दिया गया है. जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार चुनावी व्यस्तता की वजह से दक्षिण भारत के कई दिग्गज महारैली में शामिल नहीं हो पाएंगे. हालांकि उन्होंने झामुमो नेतृत्व को यह जानकारी दी है कि महारैली जिन मुद्दों पर आयोजित की जा रही है और आगे जो रणनीति बनेगी उसमें उनका साथ रहेगा.
40M×20M का होगा मुख्य मंच, महारैली देर तक चली तो रोशनी की न हो कमी, इसका रखा गया है ख्याल
प्रभात तारा मैदान में पंडाल और बिजली का काम देख रहे मनोज कुमार कहते हैं कि मुख्य पंडाल की लंबाई 40 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर का होगी. जबकि दो सहायक मंच (30×15) मीटर का होगा. महारैली में शामिल होने वाली जनता और पार्टियों के कार्यकर्ता को भीषण गर्मी में भी थोड़ी राहत मिल सके इसके लिए 40 मीटर×150 मीटर का एक मुख्य और 30×150 मीटर के दो अन्य पंडाल बनाये जा रहे हैं. पंडाल में और पंडाल के बाहर रहने वाली जनता अपने प्रिय नेताओं का भाषण सुन सकें, उन्हे देख सकें, इसके लिए 20 से ज्यादा बड़े बड़े LED स्क्रीन लगाए जा रहे हैं.
दूसरी बार एक मंच पर दिखेंगी कल्पना- सुनीता
दिल्ली के रामलीला मैदान में केंद्र की मोदी सरकार, भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आप की महारैली हुई थी. इस महारैली में पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पहली बार जनता के बीच जाकर एक साथ मोदी सरकार के खिलाफ एक साथ हल्ला बोला था. अब 21 अप्रैल 2024 को दूसरा मौका होगा जब कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल एक मंच से उलगुलान करेंगी.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का विरोध और संविधान बचाने के लिए उलगुलान न्याय महारैली
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बताया कि 21 अप्रैल को होने वाली महारैली कोई सामान्य या चुनावी महारैली नहीं है, बल्कि यह देश को तानाशाही से मुक्ति, संविधान बचाने और झारखंडी जन आकांक्षाओं को आवाज देने की महारैली है. उन्होंने कहा कि देश भर के विपक्षी नेताओं की साझा आवाज प्रभात तारा मैदान से बुलंद होगी. संविधान बचाने, भाजपा की समाज को बांटने की नीति, वन अधिकार कानून में बदलाव, किसानों को MSP, महंगाई, बेरोजगारी सहित तमाम ऐसे मुद्दे हैं जिसके खिलाफ उलगुलान होगा. उन्होंने कहा कि मंच से सुनीता केजरीवाल और कल्पना सोरेन एक ही मंच से यह बताएंगी कि कैसे साजिश रचकर उनके पति को सिर्फ इसलिए जेल के अंदर डाल दिया गया क्योंकि वह एक तानाशाह के सामने झुके नहीं.