रांची: बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा की अनुपस्थिति में 4,981.03 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि बार-बार कहा जा रहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष की बजट राशि उम्मीद के मुताबिक खर्च नहीं हुई है लेकिन यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2024 तक बजट राशि में से 75 हजार 684 करोड़ रु. खर्च हो चुके हैं.
इस माह अतिरिक्त 25 हजार करोड़ रु. खर्च हो जाएंगे, यह बताता है कि झारखंड का वित्तीय प्रबंधन बेहतर है. उन्होंने कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनी. इसके बाद पहली बार वित्तीय प्रबंधन पर विशेष फोकस किया गया. बजट का आकार इसका पहला पैमाना है. राजस्व बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस बारे में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट भाषण के दौरान प्रकाश डालूंगा. वित्त मंत्री ने कहा कि खर्च भी बढ़ा है. बजट आउट कम पर विशेष ध्यान दिया गया है. कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. साथ ही कैपिटल एक्सपेंडिचर भी बढ़ा है.
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पूर्व में बचत बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता था. लेकिन गठबंधन की सरकार ने इसपर ध्यान दिया. इसी का नतीजा है कि आरबीआई में राज्य सरकार का 1600 करोड़ रु जमा है. जरुरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि वित्तीय नियम के तहत जीएसडीपी से 3 प्रतिशत से ज्यादा खर्च नहीं किया जा सकता. हमने इस मद में महज 1 प्रतिशत खर्च किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने 11 से 12 प्रतिशत तक ब्याज पर कर्ज लिया था. लेकिन हमने बैंकों को प्री-रिपेमेंट के आधार पर लोन लिया. हम सूद का बोझ खत्म करना चाहते हैं.
वित्त मंत्री ने माना कि पूर्व में हुई गलतियों की वजह से करीब 10 हजार करोड़ का हिसाब नहीं मिल पा रहा है. उसपर सरकार का ध्यान है. इसी वजह से वर्तमान सरकार ने खर्च का ऑडिट कराना शुरु किया है ताकि यह पता चल सके कि वाकई प्लान पर खर्च हो रहा है या नहीं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने काफी फिजूलखर्ची की थी लेकिन वर्तमान सरकार इसको चेक एंड बैलेंस कर रही है.