रांची: राजनीति की प्रयोगशाला कहा जाने वाला झारखंड एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में है. हर तरफ यही चर्चा है कि झारखंड की राजनीति किस ओर करवट लेगी. ईडी की कार्रवाई, सरफराज अहमद का इस्तीफा, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने तक की चर्चा सियासी गलियारों में चल रही है.
एक तरफ ईडी द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर जाकर पूछताछ किए जाने के बाद यह चर्चा भी जोरों पर है कि सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन को किसी कानूनी दांव पेंच की वजह से कुर्सी ना छोड़नी पर जाए. वहीं दूसरी गांडेय विधानसभा सीट से सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद यह कयास भी है कि कहीं हेमंत सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम ना बना दिया जाए. ईडी के द्वारा की गई कार्रवाई ने झामुमो, कांग्रेस, राजद और लेफ्ट के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. विपक्ष में बैठी भाजपा आए दिन हेमंत सरकार को भ्रष्टाचारी बता रही है और उन पर जनता को ठगने का आरोप लगाती नजर आ रही है. वहीं सत्ता पक्ष में बैठी झामुमो, कांग्रेस, राजद अपने मुख्यमंत्री का बचाव करते दिख रहे हैं.
इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच झारखंड के पूर्व मंत्री और झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि जब भाजपा की सरकार झारखंड में नहीं बनी और चार साल से ज्यादा वर्तमान सरकार ने पूरा कर लिया तो अब बीजेपी के पेट में दर्द हो रहा है. इसीलिए भाजपा ऐन-केन प्रकारेन हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही गठबंधन की सरकार को गिराना चाहती है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन से लेकर अब तक सिर्फ रघुवर सरकार ने ही पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है और उसके बाद वर्तमान सरकार में सीएम हेमंत सोरेन पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं. इसीलिए भाजपा बीच में ही हेमंत सरकार को परेशान कर जनता के बीच में यह संदेश देना चाहती है कि बीजेपी के अलावा कोई भी पार्टी झारखंड में स्थायी सरकार नहीं दे सकती.