गिरिडीह: गांडेय विधानसभा सीट. झारखंड की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस बार इस सीट पर लोगों की विशेष नजर रहेगी. इसके पीछे की वजह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन है. चूंकि वर्तमान में यहां की विधायक कल्पना है और संभवतः आगामी चुनाव में कल्पना ही झामुमो की प्रत्याशी रहेंगी.
झामुमो का रहा है गढ़ गांडेय
गांडेय विधानसभा सीट झामुमो का गढ़ रहा है. इस सीट पर 6 बार झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा रहा है. 6 में से 4 बार तो सालखन सोरेन ही यहां के विधायक रहे. सालखन सोरेन का निधन होने के बाद पार्टी ने कांग्रेस से आए सरफराज अहमद को उम्मीदवार बनाया और 2019 के चुनाव में सरफराज विजयी रहे. 2023 के अंत में सरफराज ने इस्तीफा दिया तो 2024 में यहां उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में कल्पना सोरेन झामुमो की प्रत्याशी बनी और जीती भी. यहां यह भी बता दें कि भले ही चार बार सालखन सोरेन ने यहां से चुनाव जीता हो लेकिन 1977 से लेकर 2014 तक वे चार बार दूसरे तो एक दफा तीसरे नंबर पर रहे.
भाजपा ने तय नहीं किया है उम्मीदवार
इस सीट पर भाजपा भी हमेशा से मजबूत रही है. भाजपा ने दो बार क्रमशः 1995 और 2014 में सीट पर फतह पायी है. 1977 में इस सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार विजयी रहे थे. जबकि 8 बार भाजपा कभी रनर तो कभी तीसरे स्थान पर रही. इस बार कल्पना की संभावित उम्मीदवारी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से संतुष्ट होकर ही उम्मीदवार देने के फिराक में है. अभी भाजपा उम्मीदवार की दौड़ में तीन नाम दिलीप वर्मा, मुनिया देवी और पूर्व विधायक जेपी वर्मा के नामों की चर्चा जोर से चल रही है. इसके अलावा भी कई नेता खुद को टिकट की दौड़ में शामिल मान रहे हैं.
गांडेय विधानसभा सीट पर दो बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. दोनों बार सरफराज अहमद ही विधायक बने. पहली बार 1980 में तो दूसरी बार 2009 में कांग्रेस के विधायक सरफराज रहे. सरफराज अहमद के अलावा कांग्रेस ने यहां से जिस किसी को उम्मीदवार बनाया वे कुछ खास नहीं कर सके.