जयपुर. JEN भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राजस्थान एसओजी आरोपियों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई कर रही है. इसके तहत जयपुर और दौसा में आरोपियों के ठिकानों पर सर्चिंग जारी है. गिरफ्तार आरोपी हर्षवर्धन मीणा, राजेंद्र यादव समेत अन्य आरोपियों के ठिकानों और रिश्तेदारों के ठिकानों पर एसओजी की 14 टीमें सर्चिंग की कार्रवाई को अंजाम दे रही है. इसी कड़ी में जयपुर के करधनी, वैशाली नगर, झोटवाड़ा और चित्रकूट इलाके में भी गुरुवार अल सुबह से सर्च की कार्रवाई की जा रही है. एटीएस-एसओजी एडीजी वीके सिंह पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
दो मुख्य आरोपी के घर पर कार्रवाई : वीके सिंह ने बताया कि जेईएन भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं का हर्षवर्धन मीणा ने पेपर लीक किया था. इस मामले को लेकर आरोपियों के ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की जा रही है. एसओजी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में सर्च किया जा रहा है. दो मुख्य आरोपियों के 14 ठिकानों पर दबिश दी गई है. पेपर लीक के मास्टरमाइंड हर्षवर्धन मीणा के दौसा और जयपुर स्थित ठिकानों पर सर्च किया जा रहा है. अध्यापक राजेंद्र कुमार यादव और उसके साथी के ठिकानों पर भी छापेमार कार्रवाई की जा रही है. पिछले दिनों मामले में 50 हजार के इनामी मास्टरमाइंड हर्षवर्धन को नेपाल बॉर्डर से दबोचा गया था. खातीपुरा स्थित स्कूल से पेपर लीक हुआ था.
बता दें कि 20 फरवरी को राजस्थान एसओजी ने जेईएन भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मुख्य सरगना समेत चार आरोपियो को गिरफ्तार किया था. एसओजी ने दौसा निवासी आरोपी हर्षवर्धन मीणा, कालाडेरा जयपुर निवासी राजेंद्र कुमार यादव, झोटवाड़ा जयपुर निवासी राजेंद्र कुमार यादव और श्रीगंगानगर निवासी शिवरतन मोट उर्फ शिवा को गिरफ्तार किया था. 50 हजार का इनामी मुख्य सरगना हर्षवर्धन कुमार मीणा और राजेंद्र कुमार यादव को नेपाल बॉर्डर से दबोचा गया था.
दरअसल, जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक खातीपुरा स्थित स्कूल से हुआ था. स्कूल के टीचर राजेंद्र यादव ने पेपर लीक को अंजाम दिया था. एसओजी के एडीजी वीके सिंह के मुताबिक कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा 2020 की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी ने 9 दिसंबर 2020 को कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा का पेपर परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल होने का प्रकरण दर्ज करवाया था. 6 दिसंबर 2020 को विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी. मामले की जांच में पेपर लीक पाए जाने पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी थी. इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से परीक्षा को वापस करवाया गया था.
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