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अब होगा बाढ़ का स्थायी समाधान! केंद्रीय वित्त मंत्री से मिले संजय झा, कहा- 'आपदा को अवसर में बदलेगी डबल इंजन की सरकार' - Bihar Flood

Sanjay Kumar Jha: बिहार के लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका का शिकार होते हैं. 18 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं लेकिन अभी तक स्थायी समाधान नहीं निकला है. अब केंद्र में नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनने के बाद राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में पहल शुरू हुई है. इसी सिलसिले में जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है.

Sanjay Kumar Jha
निर्मला सीतारमण से मिले जेडीयू सांसद संजय झा (संजय झा एक्स हैंडल)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 3, 2024, 11:34 AM IST

पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और बिहार से राज्यसभा सांसद संजय झा ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करबाढ़के समाधान को लेकर चर्चा की है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान को लेकर एक बड़ी पहल शुरू हो गई है. इसके लिए उच्च स्तरीय कमिटी भी बनाई जा रही है.

निर्मला सीतारमण से मिले संजय झा: संजय झा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, मुझे साझा करते हुए खुशी है कि बिहार के विकास तथा उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से विस्तृत चर्चा के बाद मैंने 28 जून को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी, जो काफी सार्थक रही है. मैं हृदय से धन्यवाद देना चाहूंगा माननीया वित्त मंत्री जी को, कि उन्होंने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित मेरे सुझावों को काफी गंभीरता से सुना और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई, जिसमें मुझे भी शामिल होने के लिए कहा.'

बैठक में कौन-कौन शामिल?: जेडीयू सांसद ने बताया कि मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबश्री मुखर्जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए. इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई.

"मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है. साथ ही बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है. बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये और सभी ने मेरे सुझावों को गंभीरता से सुना."- संजय कुमार झा, राज्यसभा सांसद, जनता दल यूनाइटेड

5 सदस्यीय समिति का गठन:संजय झा ने आगे बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री की व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नए बराज और अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी. इसके साथ ही केंद्रीय जल आयोग ने उसी शाम पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है.

समिति में कौन होंगे सदस्य?: इस समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (LGBO), पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत BCD के डायरेक्टर एसके शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य, जबकि LGBO के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है. संजय झा ने बताया कि इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट 4 जुलाई तक सौंप देनी है.

'आपदा को अवसर में तब्दील करेगी सरकार':संजय झा ने लिखा,'मुझे विश्वास है कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी. हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है. वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.'

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