विधानसभा के बाहर जेडीयू विधायक शुधांशु शेखर Vs संजीव कुमार पटना: बिहार में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर बवाल मचा हुआ है. जदयू के अंदर ही विधायक सुधांशु शेखर ने अपनी पार्टी के विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के खिलाफ FIR कराया है. सुधांशु शेखर का कहना है कि 5 करोड़ और एक मंत्री पद का ऑफर इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से दिया जा रहा था. डॉ संजीव के खिलाफ FIR का क्या आधार है इस पर कहा कि पुलिस जांच कर रही है. सब कुछ सामने आ जाएगा.
7 विधायक जेडीयू के थे नदारद: जदयू विधान मंडल दल की बैठक से सात विधायक गायब थे. डॉ संजीव जिस दिन विश्वास मत प्राप्त करना था ठीक उसी दिन पहुंचे थे. जदयू की विधायक बीमा भारती भी उसी दिन विधानसभा पहुंची थीं. हालांकि दिलीप राय अंत तक नहीं आए. वहीं बीजेपी के विधायकों में रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्री लाल यादव बहुत विलंब से पहुंचे थे. इन सब को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है. यही नहीं कुछ और विधायकों को भी प्रलोभन दिया गया था.
कोतवाली थाने में दर्ज है केस : आरोपों के बीच विश्वासमत से एक दिन पहले रात में ही सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में बीमा भारती और दिलीप राय के अपहरण का आरोप तेजस्वी यादव के करीबी नेता और जेडीयू के विधायक डॉक्टर संजीव कुमार पर लगाया है. सुधांशु शेखर ने अपने प्राथमिकी में लिखा है कि आरजेडी नेता इंजीनियर सुनील कुमार और उनकी ही पार्टी के डॉक्टर संजीव कुमार ने इंटरनेट कॉलिंग के जरिए 5-5 करोड़ और एक मंत्रीपद देने की पेशकश की थी. इसके लिए उन्हें सरकार के खिलाफ वोटिंग करने के लिए कहा गया था.
'मेरा नाम FIR में क्यों डाला?': सुधांशु शेखर की शिकायत पर ही पुलिस ने देर रात उन्हें झारखंड बॉर्डर से डिटेन कर लिया. उस वक्त वह पटना में विश्वासमत के लिए आ रहे थे. इसी बीच पुलिस उनको अपने साथ लेकर विधानसभा पहुंची थी. हालांकि जब विधानसभा के पोर्टिको में जब जेडीयू विधायक ये सब आरोप लगा रहे थे तभी डॉक्टर संजीव भी वहां पहुंच गए. उन्होंने सुधांशु शेखर से पूछा कि उन्होंने इसमें उनका नाम क्यों घसीटा? पत्रकारों ने जब इसका आधार पूछा तो उन्होंने कहा कि पुलिस उनकी शिकायत के आधार पर एक एक पहलू को देख रही है. जांच में जल्द ही सबकुछ साफ हो जाएग.