पटनाः 2025 के विधानसभा चुनाव में 225 सीट जीतने के लक्ष्य को लेकर जदयू ने रविवार 24 नवंबर से अपना महाअभियान शुरू कर दिया है. उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सभी सीटों पर जीत ने कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा दी है. इस उत्साह के साथ जदयू अब अपने मजबूत संगठन और विकास के एजेंडे के सहारे मिशन 225 को साधने की तैयारी में जुट गई है.
क्या है तैयारी: जदयू का महाअभियान 14 दिसंबर तक चलेगा. लक्ष्य 2010 में एनडीए को जो सीट आयी थी उससे अधिक लाना है. जदयू अपनी पुरानी हैसियत को फिर से प्राप्त कराने की तैयारी में है. बता दें कि 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू केवल 43 सीटों पर सिमट गयी थी. बिहार की तीसरे नंबर की पार्टी हो गई थी. इस अभियान का उद्देश्य एक नंबर की पार्टी बनाना है. विधानसभा उपचुनाव में चार सीटों पर एनडीए को मिली जीत के बाद नीतीश कुमार का कद और बढ़ गया है.
तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी जेडीयूः राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है, नीतीश कुमार बिहार में लगातार सत्ता में बने हुए हैं. चाहे जिस गठबंधन के साथ जाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहते हैं. लेकिन 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही. पार्टी तीसरे नंबर की हो गई, मुख्यमंत्री जरूर नीतीश कुमार बन गए लेकिन पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया. नीतीश कुमार के मन में यह कसक जरूर होगा.
बड़े भाई की भूमिका में आना चाहते हैं नीतीशः 2020 के प्रदर्शन का असर 2024 लोकसभा चुनाव में भी पड़ा, जब उन्हें बीजेपी से कम सीट दी गयी. लेकिन नीतीश कुमार ने कम सीट मिलने के बावजूद भाजपा के बराबर लोकसभा सीट जीत कर अपनी ताकत दिखा दी. यही कारण है कि भाजपा ने उनके नेतृत्व में ही 2025 विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.हाल में जिस प्रकार से चारों विधानसभा की सीट एनडीए ने जीता हैस उसका श्रेय नीतीश कुमार को ही जाएगा. इसलिए 2025 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पूरी कोशिश होगी की गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में रहें और उन्हें अधिक सीट मिले.
"एक तरह से यह शक्ति प्रदर्शन है, क्योंकि इससे पहले इतना बड़ा अभियान नीतीश कुमार ने एक साथ शुरू नहीं किया था. कार्यक्रम तो लगातार करते रहते हैं, खुद भी जनता के बीच यात्रा के माध्यम से जाएंगे, लेकिन पार्टी के सभी नेताओं को मैदान में उतार कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ
क्या है जेडीयू का मिशन 225 अभियान: जदयू ने इस अभियान के लिए 7 टीम बनाई है. जिसमें 63 नेताओं को शामिल किया गया है. जो टीम बनाई गई है उसमें जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा करेंगे. दूसरी टीम का नेतृत्व विजय कुमार चौधरी करेंगे. तीसरी टीम को लीड प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा करेंगे, चौथी टीम का नेतृत्व मंत्री श्रवण कुमार, पांचवीं टीम का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, छठी टीम का नेतृत्व मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और सातवीं टीम का नेतृत्व मंत्री अशोक चौधरी करेंगे.
उमेश कुशवाहा की टीम में कौन-कौन हैंः संजय झा की टीम में मंत्री मदन सहनी, मंत्री जमा खान, सांसद लवली आनंद, रमेश सिंह कुशवाहा, रामविलास कामत, मनीष चौधरी और वशिष्ठ सिंह को शामिल किया गया है. मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ मंत्री सुनील कुमार, मंत्री जयंत राज, अश्वमेघ देवी, विद्यासागर निषाद, शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल, एमएलसी रविंद्र प्रसाद सिंह, दुलाल चंद्र गोस्वामी, मेजर इकबाल हैदर रहेंगे. उमेश कुशवाहा के साथ मंत्री लेशी सिंह, मंत्री रत्नेश सदा, एमएलसी ललन सरार्फ, सांसद रामप्रीत मंडल, विजय सिंह निषाद, सलीम परवेज, डॉ रंजू गीता और मुनेश्वर चौधरी रहेंगे.