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झारखंड में सफलता दिलाएगी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा! गठबंधन के सहारे दूसरे राज्यों में पांव पसारने की तैयारी में JDU - Nitish Kumar

JDU Strategy For Assembly Elections: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू एक बार फिर से अन्य राज्यों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुट गई है. इसको लेकर कवायद तेज हो गई है. इसी कड़ी में पिछले दिनों झारखंड के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी. चर्चा है कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, वहां अगर बीजेपी से बात नहीं बनी तो नए सहयोगियों के साथ गठबंधन कर जल्द फैसला ले लिया जाएगा.

JDU Strategy For Assembly Elections
नीतीश कुमार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 18, 2024, 10:14 AM IST

अन्य राज्यों में गठबंधन के लिए जेडीयू को सहयोगी की तलाश (ETV Bharat)

पटना:मुख्यमंत्रीनीतीश कुमारबिहार के अलावे दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ तालमेल कर चुके हैं लेकिन दूसरे राज्यों में बिना किसी गठबंधन के ही अकेले दम पर अब तक चुनाव लड़ते रहे हैं. नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में सफलता भी मिलती रही है लेकिन उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में नीतीश कुमार चाह कर भी बीजेपी के साथ तालमेल नहीं कर पाते हैं. लिहाजा अब नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है. झारखंड में सरयू राय के मोर्चे के साथ तालमेल की बात चल रही है. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि झारखंड और अगले साल दिल्ली में हम लोग चुनाव लड़ेंगे.

अरुणाचल-नागालैंड में मिली सफलता:मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जनता दल यूनाइटेड अकेले चुनाव लड़ चुका है लेकिन अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त होती रही है. अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में पार्टी को जरूर सफलता मिली है, इस वजह से वहां जेडीयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा भी मिल चुका है. बिहार के अलावा केवल यही दो प्रदेश हैं, जहां जेडीयू को चुनाव आयोग ने दर्जा दिया है. हालांकि कभी झारखंड में भी जेडीयू के विधायक चुनाव जीतते थे लेकिन पिछले कई चुनावों से सफलता नहीं मिल रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

दिल्ली में हुआ था बीजेपी से गठजोड़:बिहार में जेडीयू का बीजेपी के साथ डेढ़ दशक से भी अधिक समय से तालमेल है लेकिन बिहार के बाहर सिर्फ एक बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था. सीट शेयरिंग के तहत केवल दो सीटें मिली थी, लेकिन दोनों पर करारी हार मिली.

सरयू राय के साथ गठबंधन के संकेत:इस साल झारखंड में होने वाले चुनाव को लेकर नीतीश कुमार नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. यदि बीजेपी के साथ तालमेल नहीं हुआ तो सरयू राय के मोर्चा के साथ तालमेल कर सकते हैं. सरयू राय के साथ एक राउंड की बातचीत भी हो गई है. सरयू राय झारखंड में लगातार बयान दे रहे हैं कि 30 सीटों पर जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

क्या बीजेपी के खिलाफ जाएंगे नीतीश?: राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ बिहार में लगातार गठबंधन में हैं और सरकार भी चला रहे हैं लेकिन दूसरे राज्यों में बीजेपी के साथ तालमेल नहीं कर पाए. हालांकि वह कोशिश जरूर करते रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी उनकी पार्टी का खाता खुले. जिन राज्यों में वह चुनाव लड़े, वहां भी जेडीयू को कोई सफलता नहीं मिली. सरयू राय उनके नजदीकी मित्रों में से एक हैं लेकिन बीजेपी से अलग हटकर नीतीश कुमार कोई गठबंधन कर पाएंगे, यह उनके लिए कठिन फैसला होगा.

"नीतीश कुमार लगातार जेडीयू का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनको उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है. अब एक बार फिर वह झारखंड समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. जहां तक सरयू राय से मिलने की बात है तो वह उनके पुराने मित्र रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के खिलाफ वह ऐसे किसी गठबंधन के साथ जाने का फैसला लेंगे."- सुनील पांडेय, राजनीतिक विशेषज्ञ

जेडीयू को नए साथियों की तलाश: वहीं,जेडीयू के वरिष्ठ नेता निहोड़ा यादव का कहना है कि एनडीए के साथ हमारा गठबंधन बिहार में है. लिहाजा पहले बीजेपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश करेंगे लेकिन यदि बात नहीं बनी तो हमलोग फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उनका कहना है कि जब राजनीतिक दल है तो चुनाव तो लड़ेंगे ही.

जेडीयू सांसदों के साथ नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"एनडीए के साथ हमारा गठबंधन बिहार में है. पहले हम लोग बीजेपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश करेंगे. अगर गठबंधन नहीं हुआ तो हम स्वतंत्र हैं चुनाव लड़ने के लिए, क्योंकि पॉलीटिकल पार्टी है. गठबंधन पर कोई भी फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे."- निहोरा यादव, वरिष्ठ नेता, जेडीयू

क्या बोली बीजेपी?:बिहार बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि हर कोई अपनी पार्टी को विस्तार देना चाहता है. उन्होंने कहा, 'केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि किसके साथ गठबंधन करना है, किसके साथ चुनाव लड़ना है. बिहार में हमारा जदयू के साथ गठबंधन है. यहां हम लोग एक साथ चुनाव लड़े हैं और आगे भी लड़ेंगे, सरकार भी चल रही है. झारखंड में भी हम लोगों का पहले से गठबंधन है. नए साथी को जोड़ने को लेकर शीर्ष नेतृत्व ही फैसला लेगा.

जेडीयू की अब तक झारखंड पर पहल:जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी झारखंड में चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पास हो चुका है. जेडीयू से तालमेल कर सरयू राय वहां 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसको लेकर उनकी नीतीश कुमार से एक राउंड की बैठक भी हो चुकी है. वहीं, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद संजय झा ने भी झारखंड में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. नीतीश कुमार की झारखंड के नेताओं के साथ भी बातचीत हो चुकी है और उन्हें तैयारी करने के लिए कहा गया है. नीतीश कुमार पहले बीजेपी से तालमेल करना चाहते हैं लेकिन अगर नहीं हुआ तो विकल्प पर विचार करेंगे.

जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार (ETV Bharat)

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिलने का दर्द: पिछले दो दशक से नीतीश कुमार बिहार की सत्ता पर काबिज हैं लेकिन जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं, जबकि जेडीयू के बाद बने कई दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है. हालांकि जेडीयू कई राज्यों में चुनाव लड़ चुका है लेकिन अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में सफलता नहीं मिली. अभी पूरे देश में तीन राज्यों में जेडीयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. अगर एक और राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा तो जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है.

झारखंड से जेडीयू को बड़ी उम्मीद: ऐसे में पहला टारगेट झारखंड है, क्योंकि झारखंड बिहार का पड़ोसी राज्य है. कभी बिहार का हिस्सा था. जेडीयू को वहां संभावना दिख रही है. खीरू महतो जेडीयू के वहां प्रदेश अध्यक्ष हैं और बिहार से राज्यसभा के सांसद भी हैं. नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा इसी मकसद से भेजा था ताकि झारखंड में जेडीयू को मजबूती मिलेगी और वहां खाता खुलेगा. सरयू राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने मित्र हैं. वह झारखंड में जेडीयू के साथ मिलकर अपनी बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं. हालांकि अभी तक नीतीश कुमार ने गठबंधन पर कोई फैसला नहीं लिया है.

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