पटना:मुख्यमंत्रीनीतीश कुमारबिहार के अलावे दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ तालमेल कर चुके हैं लेकिन दूसरे राज्यों में बिना किसी गठबंधन के ही अकेले दम पर अब तक चुनाव लड़ते रहे हैं. नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में सफलता भी मिलती रही है लेकिन उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में नीतीश कुमार चाह कर भी बीजेपी के साथ तालमेल नहीं कर पाते हैं. लिहाजा अब नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है. झारखंड में सरयू राय के मोर्चे के साथ तालमेल की बात चल रही है. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि झारखंड और अगले साल दिल्ली में हम लोग चुनाव लड़ेंगे.
अरुणाचल-नागालैंड में मिली सफलता:मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जनता दल यूनाइटेड अकेले चुनाव लड़ चुका है लेकिन अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त होती रही है. अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में पार्टी को जरूर सफलता मिली है, इस वजह से वहां जेडीयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा भी मिल चुका है. बिहार के अलावा केवल यही दो प्रदेश हैं, जहां जेडीयू को चुनाव आयोग ने दर्जा दिया है. हालांकि कभी झारखंड में भी जेडीयू के विधायक चुनाव जीतते थे लेकिन पिछले कई चुनावों से सफलता नहीं मिल रही है.
दिल्ली में हुआ था बीजेपी से गठजोड़:बिहार में जेडीयू का बीजेपी के साथ डेढ़ दशक से भी अधिक समय से तालमेल है लेकिन बिहार के बाहर सिर्फ एक बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था. सीट शेयरिंग के तहत केवल दो सीटें मिली थी, लेकिन दोनों पर करारी हार मिली.
सरयू राय के साथ गठबंधन के संकेत:इस साल झारखंड में होने वाले चुनाव को लेकर नीतीश कुमार नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. यदि बीजेपी के साथ तालमेल नहीं हुआ तो सरयू राय के मोर्चा के साथ तालमेल कर सकते हैं. सरयू राय के साथ एक राउंड की बातचीत भी हो गई है. सरयू राय झारखंड में लगातार बयान दे रहे हैं कि 30 सीटों पर जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
क्या बीजेपी के खिलाफ जाएंगे नीतीश?: राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ बिहार में लगातार गठबंधन में हैं और सरकार भी चला रहे हैं लेकिन दूसरे राज्यों में बीजेपी के साथ तालमेल नहीं कर पाए. हालांकि वह कोशिश जरूर करते रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी उनकी पार्टी का खाता खुले. जिन राज्यों में वह चुनाव लड़े, वहां भी जेडीयू को कोई सफलता नहीं मिली. सरयू राय उनके नजदीकी मित्रों में से एक हैं लेकिन बीजेपी से अलग हटकर नीतीश कुमार कोई गठबंधन कर पाएंगे, यह उनके लिए कठिन फैसला होगा.
"नीतीश कुमार लगातार जेडीयू का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनको उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है. अब एक बार फिर वह झारखंड समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. जहां तक सरयू राय से मिलने की बात है तो वह उनके पुराने मित्र रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के खिलाफ वह ऐसे किसी गठबंधन के साथ जाने का फैसला लेंगे."- सुनील पांडेय, राजनीतिक विशेषज्ञ
जेडीयू को नए साथियों की तलाश: वहीं,जेडीयू के वरिष्ठ नेता निहोड़ा यादव का कहना है कि एनडीए के साथ हमारा गठबंधन बिहार में है. लिहाजा पहले बीजेपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश करेंगे लेकिन यदि बात नहीं बनी तो हमलोग फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उनका कहना है कि जब राजनीतिक दल है तो चुनाव तो लड़ेंगे ही.