पटना :जामुन मूल रूप से भारत में उत्पन्न हुआ पेड़ है. यह सदाबहार पेड़ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि फल की उत्पत्ति नवपाषाण काल में हुई थी, जब मनुष्य कंदमूल फल खाते थे. भारत में जामुन को देवताओं का फल कहा जाता था. भगवान राम ने अयोध्या में वनवास के दौरान जामुन सहित कई फल खाए थे. वेद और पुराणों में बार-बार जम्बू द्वीप का जिक्र आता है. इससे साबित होता है कि जामुन का इतिहास हजारों साल पुराना है.
गुणकारी है फल: बरसात के महीने में मानव शरीर पर जामुन फल का सकारात्मक प्रभाव होता है. इस दौरान ह्यूमन बॉडी में मेटाबॉलिक चेंज आता है. शरीर के अलग-अलग अंग बदलाव के दौर से गुजरते हैं. वैसे में जामुन फल का अगर सेवन किया जाए तो मानव शरीर पर सकारात्मक फायदा होता है. जामुन के सेवन से मनुष्य कई रोगों पर काबू पा लेता है.
आयुर्वेद में भी उल्लेख : जामुन फल के बारे में चरक संहिता में बताया गया है कि जामुन की छाल, पत्ते, फल और गुठलियों आयुर्वेद में काम आते हैं. जामुन की गुठली का चूर्ण मधुमेह बीमारी में बेहतर काम करता है. यह कफ और बात नाशक माना जाता है. एक दिन में 10 से 15 जामुन का सेवन किया जा सकता है.
टॉनिक से कम नहीं है जामुन :जमुना में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा ग्लूकोज और फ्रुक्टोज जमुना में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जामुन में आकाई लिंगोनबेरी और ब्लैक रास्पबेरी एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर के रोकथाम के लिए उपयोगी हैं.