रामगढ़: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की बदलाव संकल्प सभा का आयोजन रामगढ़ कॉलेज मैदान में हुआ. सभा में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे और अपने चिरपरिचित अंदाज में गाड़ी की छत पर से सभा को संबोधित किया.
जयराम महतो ने सभा के दौरान कहा कि काफी संघर्ष और कई महापुरुषों के बलिदान के बाद झारखंड को राज्य दर्जा मिला. आज झारखंड राज्य बने 24 साल हो गए हैं. झारखंड राज्य अलग होने के बाद एक आस जगी कि वर्षों से शोषित वंचित लोगों का नसीब बदलेगा, अधिकार और न्याय मिलेगा. चौबीस सालो में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, रघुवर दास और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनती गई.
हर बार 81 विधायक को जनता ने चुना. प्रत्येक पांच साल 14 सांसद को भी जनता ने चुना. यही नहीं प्रत्येक 6 साल में राज्यसभा के सांसद को भी चुना गया, लेकिन जिस हक और अधिकार को लेकर झारखंड राज्य का सपना देखा गया था वह कहीं न कहीं आज भी अधूरा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार में आज भी हम पिछड़े हैं. इस दौरान उन्होंने आरटीआई द्वारा करप्टेड नेताओं के आय और उनके संपति का ब्योरा निकलने की बात बताई.
वो बार बार मौसा जी का जिक्र कर रहे थे. वो वर्तमान सांसद गिरिडीह व पूर्व विधायक रामगढ़ पर कटाक्ष कर रहे थे. जयराम महतो ने कहा कि दो ट्रक छाता लाये हैं. जनता को बरगला कर बाहरी ठेकेदारों के साथ गठबंधन कर चुके हैं. चूल्हा प्रमुख पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि आप पंद्रह साल रामगढ़ का नेतृत्व किए हैं. पांच साल गिरिडीह का नेतृत्व किए हैं. वह सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में ही सोचते हैं.
गरीबों को आवास के नाम पर एक लाख दिया जा रहा है और मंत्रियों को 6 करोड़ का बंगला उपलब्ध होता है. विधायकों को 2 करोड़ की कोठी मिली है. जीतने वाले विधायक को सैलरी मिलती है और हारने वाले विधायकों को पेंशन मिलने लगता है. अगर वे सत्ता में आते हैं तो विधायकों की पेंशन व्यवस्था को संविधान की धारा के तहत समाप्त कर दिया जायेगा.डुमरी के अलावा रामगढ़ या मांडू से चुनाव लड़ेंगे, अभी यह भी देखना होगा. क्योंकि जहां हम चुनाव लड़ेंगे. वहां अगल-बगल असर होगा. क्योंकि जब गिरिडीह में चुनाव लड़ रहे थे तो उसका असर धनबाद में भी हुआ. ज्यादा से ज्यादा विधानसभा की सीटों को टच कर सके.