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इंदौर की तर्ज पर हेरिटेज निगम सख्त, सार्वजनिक स्थान पर थूका या खुले में टॉयलेट किया तो लगेगा जुर्माना - SWACHH SURVEKSHAN

इंदौर की तर्ज पर हेरिटेज निगम ने सख्त रुख किया अख्तियार. शहर में सार्वजनिक स्थान पर थूका या खुले में टॉयलेट किया तो लगेगा जुर्माना.

Jaipur Nigam
जयपुर शहर को गंदा किया तो लगेगा जुर्माना (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 7, 2025, 7:06 PM IST

जयपुर:चार दिवारी सहित जयपुर हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में अब सार्वजनिक स्थानों पर थूका या खुले में शौच किया तो खैर नहीं. शहर में ऐसा करने वालों को अब अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है. हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर ने स्वच्छ सर्वेक्षण को देखते हुए सीएसआई को पावर और एक मोबाइल एप्लीकेशन दी है, जिसके जरिए चालान काटे जा सकेंगे.

इंदौर की तर्ज पर अब हेरिटेज नगर निगम भी स्वच्छता को लेकर सख्त अख्तियार करने जा रहा है. जयपुर में भी सड़क पर थूकने, कचरा फैलाने और खुले में टॉयलेट जाने पर चालान कटेंगे. इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अरुण हसीजा ने बताया कि अब चिह्नित कॉलोनी में स्वीपर आईडेंटिफाई किए जाएंगे, कमर्शियल एरिया में डबल शिफ्ट में सफाई की जाएगी, नाले-पार्क-विद्यालय साफ रहे इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. कहीं पर भी ओपन कचरा डिपो नजर ना आए, रेड स्पॉट और येलो स्पॉट ना मिले, इसके क्रियान्वयन को लेकर निर्देशित किया गया है.

अरुण हसीजा, कमिश्नर, हेरिटेज नगर निगम (ETV Bharat Jaipur)

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उन्होंने बताया कि आईईसी एक्टिविटी के जरिए काफी समझाइश की जा चुकी है, लेकिन अब सख्ती करते हुए ज्यादा से ज्यादा चालान किए जाएंगे. सभी सीएसआई को एक एप्लीकेशन दी गई है. इसके जरिए वो चालान कर सकेंगे और इसके लिए उन्हें पावर भी दी गई है. किस गलती का कितना चालान करना है ये अधिसूचित है. मोबाइल एप्लीकेशन में भी प्रोविजन है. इसको लेकर सीएसआई को टारगेट दिया जाएगा और जहां पर भी अनियमितता देखने को मिलेगी, वहां ज्यादा से ज्यादा चालान करने के निर्देश दिए गए हैं.

जुर्माना लिस्ट :

  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने - 200 रुपए
  • खुले में टॉयलेट करने - 200 रुपए
  • खुले में शौच करने - 500 रुपए
  • खुले में नहाने - 300 रुपए
  • कचरा फैलाने - 100 रुपए से 5000 रुपए
  • गोबर डालने - 5000 रुपए
  • प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने - 100 रुपए
  • प्लास्टिक कचरा जलाने पर - 500 रुपए

निगम कमिश्नर ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण वैज्ञानिक तरीके से आयोजित किया जाता है, जिसमें हर गतिविधि के लिए कुछ अंक निर्धारित हैं. हर एक गतिविधि की जानकारी सीएसआई लेवल तक देनी जरूरी है, क्योंकि लास्ट एंड पर जो फील्ड में काम करते हैं वो सफाई कर्मचारी इन्हीं के अधीन होते हैं. उनसे डायरेक्ट कम्युनिकेशन बनाने के लिए जोन वाइज मीटिंग ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि किस तरह अंक प्राप्त होंगे, ताकि वो अपने काम को उस अनुसार गति दे सके.

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