जबलपुर।रामोजी ग्रुप के चेयरमैन व पद्मविभूणष से सम्मानित स्वर्गीय रामोजी राव के निधन के बाद देशभर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. श्रद्धांजलि सभा में ईटीवी भारत से जुड़े तमाम पत्रकार सहित शहरों की बड़ी हस्तियां पहुंची और स्वर्गीय रामोजी राव को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं जबलपुर में भी कई जिलों के पत्रकारों ने पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
जबलपुर में स्वर्गीय रामोजी राव को दी गई श्रद्धांजलि
पद्मविभूषण से सम्मानित रामोजी राव के निधन के 13वें दिन देशभर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजित की गई. एमपी के जबलपुर जिल में आयोजित सभा में ईटीवी भारत से जुड़े हुए तमाम पत्रकार पहुंचे. जिसमें जबलपुर, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, कटनी, दमोह, उमरिया और सतना से आए पत्रकारों ने स्वर्गीय रामोजी राव को श्रद्धांजलि अर्पित की. यह कार्यक्रम जबलपुर के गोरखपुर क्षेत्र में सात्विक होटल में किया गया. इस आयोजन में सभी ने इनाडु ग्रुप के प्रमुख को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
ईटीवी भारत के पत्रकारों ने किया श्रद्धा सुमन अर्पित
इस मौके पर ईटीवी ग्रुप से 2002 से जुड़े हुए पत्रकार कपिल तिवारी ने बताया कि 'बड़े संस्थानों में काम करने वाले सामान्य कर्मचारियों से कंपनी के मालिकों की मुलाकात कम ही हो पाती है, लेकिन स्वर्गीय रामोजी राव अपनी कंपनी के हर छोटे बड़े कर्मचारी से मिलते भी थे. उनकी समस्याएं भी सुनते थे और इस पर तुरंत निदान भी करते थे. कर्मचारियों की हर छोटी बड़ी जरूरत का ध्यान रखते थे. यही वजह है कि ईटीवी भारत के कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपनी कंपनी के लिए काम करते हैं.
8 जून को रामोजी राव ने ली थी अंतिम सांस
बता दें 8 जून को रामोजी ग्रुप के संस्थापक व चेयरमैन रामोजी राव का हैदराबाद में निधन हो गया था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद 5 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां तीन दिन के बाद इलाज के दौरान अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. निधन की खबर सामने आते ही उनके परिवार में शोक की लहर है. वहीं प्रधानमंत्री से लेकर तमाम कैबिनेट मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य हस्तियों ने दुख जताया था.
1947 में मीडिया इंडस्ट्री में बढ़ाया था कदम
आपको बता दें की 1947 में रामोजी राव ने मीडिया इंडस्ट्री में कदम बढ़ाया. देशभर में चर्चित ईनाडु आज भी लोकप्रिय है. तेलगु वालों के लिए ईनाडु उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है. यही कारण है कि 1976 की पहली छमाही में जो सर्कुलेशन 48,339 प्रतियां था, चरण दर चरण वृद्धि हुई है. उस स्तर पर पहुंच गया है, जहां 2011 की पहली छमाही में कोई नहीं पहुंच पाया.