इंदौर: लोकायुक्त की टीम ने नगर निगम के एक सहायक दरोगा को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा है. दरअसल, सहायक दरोगा रोहित ने एक कर्मचारी का वेतन तकरीबन 2 महीने से रोक रखा था. उसी वेतन को दिलवाने के लिए रोहित द्वारा रिश्वत की डिमांड की जा रही थी. इसी के चलते लोकायुक्त ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पूरे मामले में जांच पड़ताल की जा रही है.
रुका वेतन दिलवाने के एवज में मांगी रिश्वत
इंदौर नगर निगम में कर्मचारी यश चावरे ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी. फरियादी ने बताया कि " वह नगर निगम में रेग कीपर के पद पर पदस्थ है. उसकी नवंबर और दिसंबर महीने की सैलरी रुकी हुई है. जिसको दिलवाने के लिए विदुर नगर जोन में सहायक दरोगा के पद पर पदस्थ रोहित पथरोड द्वारा 5000 की रिश्वत मांगी जा रही थी. फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने सहायक दरोगा को पकड़ने के लिए योजना बनाई."
फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस में की शिकायत
योजना के मुताबित इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी को ₹5000 दिए और विदुर नगर जोन के सहायक दरोगा रोहित पथरोड को उन रुपयों को ले जाकर देने की बात कही. जैसे ही फरियादी ने दरोगा रोहित को रिश्वत के 5000 रुपए दिए. पीछे से लोकायुक्त की टीम पहुंच गई और दरोगा को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ लिया. इसके बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.
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आरोपी दरोगा रिश्वत लेते अरेस्ट
लोकायुक्त डीएसपी आरडी मिश्रा ने कहा, "यश चावरे ने इस मामले की लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी. सत्यापन में मामला सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को योजना के अनुसार आरोपी रोहित पथरोड को 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है."