Mp weather update (पीयूष सिंह राजपूत): मध्यप्रदेश के कई शहरों में शुक्रवार रात से मावठे की एंट्री हो गई है. उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, सागर समेत कई शहरों में मॉनसून जैसी बौछारें पड़ रही हैं. मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश में मावठे की बारिश की पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी. वहीं शुक्रवार के बाद शनिवार सुबह भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में अनेकों स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश दर्ज की गई है. कई स्थानों पर ओले गिरने की भी खबरें हैं. किसानों की कई फसलों के लिए मावठे की बारिश चिंता का सबब भी बन सकती है.
ठंड के बीच क्यों हो रही एमपी में बारिश?
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया था कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से तेजी से आ रही नमी और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के साथ सक्रिय हुए साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से एमपी में बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक कई संभागों में ओले गिरने के साथ 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. मध्यप्रदेश मौसम विभाग के मुताबिक, '' पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सकुर्लेशन की वजह से 27 से 29 दिसंबर तक प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम तेज बारिश हो सकती है. भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर और नर्मदापुरम में ओले गिरने की ज्यादा संभावना है.
भोपाल में बिगड़ा मौसम, आधी रात को गिरा मावठा
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार देर रात जोरदार बारिश हुई. शुक्रवार को दिन के वक्त बादल छाए होने से बारिश की उम्मीद की जा रही थी. वहीं कई इलाकों में मावठे की इस बारिश ने लोगों को मॉनसून की याद दिला दी. देर रात बारिश होने से शनिवार को दिन के अधिकतम तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट आ सकती है. इससे कोल्ड डे जैसा एहसास होगा.
जबलपुर में ओले और बारिश से सुबह की शुरुआत
जबलपुर शहर समेत संभाग के कई जिलों में शनिवार की सुबह मावठे की बारिश के साथ हुई. सुबह 7 बजे से शहर में तेज बौछारें पड़ना शुरू हुईं, वहीं कई बाहरी इलाकों में ओले गिरने की भी सूचना मिली है. जबलपुर में मावठे की बारिश और ओलावृष्टि से यहां पैदा होने वाली मटर की फसल को नुकसान का अंदेशा है.
सतना में जमकर बरस रहा मावठा
मध्य प्रदेश के सतना और मैहर जिले में आज सुबह 6.30 बजे से गरज चमक के साथ तेज बारिश हो रही है. मावठे की बारिश को लेकर मौसम विभाग के अधिकारी आरके श्रीवास्तव ने बताया, '' सुबह 6:30 बजे से तकरीबन 1 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, किसानों की कुछ फसलों के लिए ये बारिश लाभकारी हो सकती है. हालांकि, कुछ फसलों को इससे नुकसान भी हो सकता है. जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं. बारिश खत्म होते ही शीतलहर और कोहरे का प्रकोप बढ़ेगा. ऐसे में लोगों को सावधानी रखने की आवश्यकता है.''
उज्जैन में शुक्रवार शाम से तेज बारिश
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी मावठा ऐसा गिरा, जैसे देवराज इंद्र खुद महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे हों. यहां एक से डेढ़ घंटे की तेज बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया. वहीं पावरकट होने से कई इलाकों में ब्लैकआउट की स्थिति निर्मित हो गई. शनिवार को भी यहां बादल छाए रहने के साथ दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट देखने मिल सकती है.
शुक्रवार रात यहां हुई ओलावृष्टि
शुक्रवार देर रात तेज हवाओं के साथ कई शहरों में हल्की ओलावृष्टि भी हुई है. इसमें आलीराजपुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, रतलाम, मंदसौर, नीमच, झाबुआ, गुना, बैतूल में कहीं-कहीं बारिश के साथ ओले भी गिरे. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे तक मौसम इसी तरह बने रहने का अनुमान है.
Heavy rainfall likely over Uttarakhand, Himachal Pradesh, Haryana-Chandigarh-Delhi, West Uttar Pradesh, East Rajasthan and west Madhya Pradesh on 27th December.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) December 27, 2024
Thunderstorm accompanied with hailstorms also likely over Southeast Himachal Pradesh, Uttarakhand, Punjab, Haryana,… pic.twitter.com/LO9KitNYx3
कहां-कहां बारिश की संभावना?
मौसम विभाग की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक मावठे का असर प्रदेश के अधिकांश जिलों में देखने को मिल रहा है. राजधानी भोपाल के साथ-साथ जबलपुर, सतना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, टीकमगढ़, निवाड़ी में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी व तेज बौछारें पड़ेंगी. वहीं रविवार 28 दिसंबर को तेज गरज चमक के साथ बारिश और ओलवृष्टि की संभावना है. अगले 48 घंटों के बाद बादल छटते ही ठंड अपना रौद्र रूप दिखाएगी.
क्या होता है मावठा?
मावठा ठंड के मौसम में होने वाली बारिश को कहते हैं. आम बोलचाल में इसे मावठे की बारिश या मावठा गिरना भी कहते हैं. मावठे की बारिश यानी विंटर रेनफॉल दिसंबर से जनवरी के बीच होती है. कई बार मावठे की ज्यादा बारिश होने से फसलों को नुकसान होता है. मावठे के बाद अगर पाला पड़ जाए तो फसलें नष्ट भी हो जाती हैं.
यह भी पढ़ें -
महाकाल की नगरी में जमकर हुई मावठा की बारिश, ठंड तेजी से बढ़ने के आसार