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मध्य प्रदेश में खोदे जाएंगे तेल के कुएं, इन जिलों में बह सकती है क्रूड ऑयल की धारा - Petroleum reserves hidden in MP

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की खोजबीन शुरू कराने वाली है. यह कार्य प्रदेश के 4 जिलों में किया जाएगा. साथ ही सरकार 14 और 15 अक्टूबर को इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव करवाने की तैयारी में है.

PETROLEUM RESERVES HIDDEN IN MP
मध्य प्रदेश में खोदे जाएंगे तेल के कुएं (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 10:51 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 14 और 15 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में एक इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव करवाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें खनन आधारित सरकारी और निजी कंपनियां आएंगी. इसके पहले यह चर्चा गर्म है कि मध्य प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की खोजबीन शुरू की जा रही है. प्रदेश के दमोह, पन्ना, धार और देवास जिलों में पेट्रोलियम पदार्थों की खोज के लिए कोशिश शुरू की जाएगी. इसको लेकर शुक्रवार को मोहन यादव ने खनिज साधन विभाग की समीक्षा की है.

इन क्षेत्रों में है पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना

दमोह में आज से लगभग 8 साल पहले लोहारी गांव में ओएनजीसी ने पेट्रोलियम पदार्थों की खोज शुरू की थी. इसके लिए 5 एकड़ जमीन को लीज पर लिया गया था और उसमें काफी गहरे गड्ढे किए गए थे, लेकिन बाद में यह कार्यक्रम रोक दिया गया. एक बार फिर भारत सरकार का पेट्रोलियम मंत्रालय मध्य प्रदेश के दमोह, पन्ना, धार और देवास में पेट्रोलियम पदार्थों की खोज का अभियान शुरू करने जा रहा है. इन क्षेत्रों में पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना जताई जा रही है.

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सरकार करेगी खनन आधारित इंडस्ट्रियल मीट

मध्य प्रदेश सरकार भी 14 और 15 अक्टूबर को खनन आधारित इंडस्ट्रियल मीट करने जा रहा है. इसमें ऐसी संभावना जताई जा रही है कि देश भर से सरकारी और निजी कंपनियां खनन के क्षेत्र में रुचि दिखाने के लिए मध्य प्रदेश आएंगी. इनमें कोयला खनन और पेट्रोलियम खनन से जुड़ी हुई सरकारी कंपनियों के आने की भी संभावना है. मध्य प्रदेश में आपने अक्सर सुना होगा होशंगाबाद, पचमढ़ी, दमोह, शहडोल और सिंगरौली के आसपास कई नल ऐसे हैं जिनसे गैस का रिसाव होता है. प्राकृतिक गैस का यह रिसाव पेट्रोलियम पदार्थों की शुरुआती गवाही होती है. इससे यह संभावना बनती है कि जमीन के नीचे कुछ ऐसा है जिससे गैस निकल रही है. यह जरूरी नहीं है कि वह जमीन के बहुत ऊपर हो, लेकिन सरकार एक बार फिर पेट्रोलियम पदार्थों को पाने की उम्मीद में अपना अभियान शुरू करने जा रही है.

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