जबलपुर: जिले के ग्रामीण इलाकों में ये नजारे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, जहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक तेज बहाव में मछली पकड़ते नजर आ रहे हैं. यहां मछली पकड़ने के लिए कोई नई तकनीक नहीं अपनाई जा रही, बल्कि चादर या मच्छरदानी को तेज बहाव में फंसाकर मछलियां पकड़ जा रही हैं, जो बेहद खतरनाक है.
घर चलाने के लिए जान जोखिम में
बरेला के घुघरी गांव में एक बुजुर्ग महिला एक बच्ची को साथ लेकर नाले के ऊपर बने लकड़ी के जाल में मछली पकड़ती नजर आई. बुजुर्ग महिला पना बाई का कहना है कि यह मछली पकड़ने की पुरानी पद्धति है. जहां तेज बहाव है, वहां लकड़ी का एक छोटा सा पुल बनाया जाता है जिससे तेज बहाव में आने वाली मछलियां ऊपर की ओर ही रोकी जा सके. खुद को खतरे में डालकर इस तरह मछली पकड़ने के सवाल पर बुजुर्ग महिला ने कहा कि यही उनकी आजीविका का साधन है.