ग्वालियर: बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ के आरोप तो कई बार जीवाजी यूनिवर्सिटी पर लगे, लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की जान से भी खिलवाड़ कर रहा है. ये आरोप ग्वालियर नगर निगम ने लगाए हैं. नगर निगम ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी कर दिया है. आइए जानते हैं कि किस बात का नोटिस निगम द्वारा दिया गया है.
नगर निगम ने लगाया बड़ा आरोप
शिक्षण संबंधी समस्याएं और लापरवाही, विश्वविद्यालय के साथ कोई नई बात नहीं है. सामुहिक नकल से लेकर छात्रों के अंक गड़बड़ करने तक के आरोप कई बार लग चुके हैं. अब जीवाजी यूनिवर्सिटी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसी साल की शुरुआत में जीवाजी यूनिवर्सिटी परिसर में भीषण आग लगी थी. अग्नि हादसे बाद अब पता चला है कि यहां अग्नि सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम प्रबंधन द्वारा नहीं किए गए थे. हैरानी की बात ये है कि हादसा हुए कई महीने हो गए, लेकिन अभी तक फायर सेफ्टी के कोई खास इंतजामात नहीं किए गए हैं. इस बात का खुलासा खुद नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर ने किया है.
विश्वविद्यालय ने अब तक नहीं लगाया फायर प्रोटेक्शन सिस्टम
असल में ग्वालियर में स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय में अग्नि सुरक्षा यानी फायर सेफ्टी को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. नगर निगम ग्वालियर ने पाया कि विश्व विद्यालय प्रबंधन के पास कोई फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं है और ना ही निगम से कोई NOC ली गई है. अग्नि सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम भी यहां नहीं मिले हैं. ये लापरवाही निरीक्षण के दौरान सामने आयी हैं. इन हालातों को देखते हुए नगर निगम ग्वालियर ने विश्व विद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी किया है.
नगर निगम ने किया विश्वविद्यालय का निरीक्षण
जानकारी देते हुए नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव ने बताया, ''ग्वालियर जीवाजी यूनिवर्सिटी काफी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है. जहां न सिर्फ ग्वालियर से बल्कि अन्य जिलों, प्रदेश से भी आए छात्र अध्ययन कर रहे हैं. नगर निगम के द्वारा जब यहां औचक निरीक्षण किया गया तो किसी तरह की फायर सेफ्टी के इंतजाम या NOC सर्टिफिकेट नहीं मिला है जो कि काफी गंभीर बात है, क्योंकि इन छात्रों की पूरी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी की बनती है.''
छात्रों के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़
अतिबल सिंह यादव ने बताया, ''छात्रों की सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को फायर सेफ्टी सिस्टम लगाना चाहिए, लेकिन आज दिनांक तक प्रबंधन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया है. जबकि विश्वविद्यालय में अलग-अलग सेक्शन विभिन्न डिग्री कोर्स के लिए बनाए गए हैं. जहां इन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं से लेकर अंकसूची और डिग्रियां तक मौजूद हैं और अगर कोई हादसा होता है, तो उसे समय पर रोकने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं है.''
कई बार दिया नोटिस अब होगी कार्रवाई
डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक, ''जीवाजी विश्वविद्यालय में अब तक 4 बार आग लग चुकी है. आखिरी बार न्यूरो साइंस विभाग में आग लगी थी. उस दौरान भी वहां आग बुझाने के कोई इंतजाम नहीं थे, जिसके कारण अच्छा खासा नुकसान हुआ था. उसके बाद भी अब तक फायर सेफ्टी के लिए किसी तरह के कोई प्रयास नहीं किए गए. नगर निगम की ओर से कई बार जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके किसी तरह के हालातों में सुधार नहीं आया और अब उन्हें अंतिम नोटिस दिया गया है. यदि अब भी उन्होंने सबक नहीं लिया तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही सभी विभागों को पत्र जारी किए जाने की बात कही जा रही है.''
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यूनिवर्सिटी परिसर में रहते हैं अधिकारी-कर्मचारी
आपको बता दें कि ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है और कैंपस के अंदर विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी रहते हैं. बावजूद लोगों की जान से खिलवाड़ करना विश्वविद्यालय प्रबंधन की बड़ी चूक मानी जा रही है. अभी हाल ही में दो दिन पूर्व ही उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी इसी विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से इस बड़ी लापरवाही को पूरी तरह छुपाया गया था.