जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 27 अगस्त को फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर की पुस्तक प्रेग्नेंसी बाइबल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में करीना कपूर की ओर से उनके एडवोकेट ने पक्ष रखा और उन्होंने बताया कि करीना कपूर की पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों. जबलपुर के एक एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने करीना कपूर की पुस्तक के ऊपर आरोप लगाया है कि किसी भी पुस्तक के लिए बाइबल शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने करीना कपूर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था.
करीना कपूर ने लिखी थी पुस्तक
फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने प्रेग्नेंसी बाइबल नाम की एक किताब 2021 में लिखी थी. इस पुस्तक को एक निजी पब्लिकेशन के माध्यम से प्रकाशित किया गया था. जबलपुर के एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने इस पुस्तक के नाम में बाइबल शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी. क्रिस्टोफर एंथोनी एक एडवोकेट हैं और पहले इन्होंने इस मामले में जबलपुर के एक थाने में एफआईआर कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया.
कार्रवाई की मांग की गई थी
इसके बाद इस मामले को लेकर क्रिस्टोफर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की. क्रिस्टोफर एंथोनी का कहना है कि, "'बाइबल उनका धर्म ग्रंथ है और इसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. इसलिए करीना कपूर ने उनकी धार्मिक भावनाएं आहत की हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.'' मंगलवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट में सुनवाई हुई. करीना कपूर की ओर से उनके वकील ने नोटिस का जवाब दिया.