जबलपुर :सुनवाई का अवसर दिए बिना मकान का एक हिस्सा तोड़े जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए तहसीलदार नजूल उमरिया को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, जिसमें कोर्ट ने पूछा है कि सुनवाई का मौका दिए बिना याचिकाकर्ता के मकान को कैसे तोड़ दिया गया?
क्या है मकान तोड़े जाने का पूरा मामला?
दरअसल, याचिकाकर्ता उमरिया निवासी केवी विनीत की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उसके पिता ने वर्ष 1996 में रजिस्ट्री के माध्यम से एक जमीन खरीदी थी. इसके बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ शासकीय जमीन पर अतिक्रमण का प्रकरण बनाकर उस पर जुर्माना लगाया गया. इतना ही नहीं जुर्माना कार्रवाई के बाद उसके मकान का कुछ हिस्सा प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया. याचिका में कहा गया था कि नियमानुसार मौके पर पंचानामा नहीं बनाया गया और न ही याचिकाकर्ता को कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया था.