जबलपुर :मप्र जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार को माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 को लेकर सुनवाई हुई. याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयु सीमा में पांच साल की छूट प्रदान करने का आदेश जारी किया है.
क्या है EWS में उम्र की सीमा का मामला?
दरअसल, रीवा निवासी पुष्पेंद्र द्विवेदी व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि शिक्षक चयन परीक्षा की रूल बुक की कंडिका 7.1 और 7.2 में ईडब्ल्यूएस को आरक्षित वर्ग माना गया था. रूल बुक की कंडिका 6.2 में अन्य आरक्षित वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी) को आयु सीमा में छूट दी गई थी. वहीं ईडब्ल्यूएस वर्ग को उम्र में किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं गई थी.
कोर्ट में दिए गए ये तर्क
याचिका में कहा गया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट न देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार और अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता का उल्लंघन है. याचिका में भर्ती नियम की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई थी. याचिका में राहत चाही गई थी कि ईडब्ल्यूएस कोटा को आरक्षित वर्ग में रखे जाने के कारण उम्र सीमा में भी उम्मीदवारों को छूट प्रदान की जानी चाहिए.
हजारों EWS कैंडिडेट्स को होगा फायदा
युगल पीठ ने सुनवाई के बाद अपने अंतरिम आदेश में ईओडब्ल्यू वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा में पांच साल की छूट प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के बाद 45 वर्ष तक के EWS कैंडिडेट भी शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिससे हजारों कैंडिडेट्स को फायदा होगा. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता धीरज तिवारी व ईशान सोनी ने पैरवी की.
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