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निजी स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई को झटका, एमपी हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस - private schools fee increase

दमोह के निजी स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि के खिलाफ जिला प्रशासन की मुहिम को झटका लगा है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए फीस वापसी पर रोक लगा दी है.

private schools fee increase
निजी स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई को झटका (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 10:21 AM IST

जबलपुर।हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने निजी स्कूलों के फीस निर्धारण तथा रिफंड के मामले में दमोह जिला कमेटी के आदेश पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने दायर अपील की सुनवाई करते हुए जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है.

फीस वृद्धि की राशि वापस लौटाने का मामला

दमोह के क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल सहित 5 स्कूलों की तरफ से दायर की गयी अपील में कहा गया है कि जिला कमेटी द्वारा उनके स्कूल की फीस का निर्धारण किया गया है. इसके अलावा साल 2017-18 से की गयी फीस वृद्धि की राशि वापस लौटाने के आदेश जारी किये हैं. इसी आदेश को चुनौती देते हुए उन्होने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. एकलपीठ द्वारा याचिका को खारिज किये जाने के कारण ये अपील दायर की गयी है. अपीलकर्ता की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) के तहत स्कूल प्रबंधन फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकता है.

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निजी स्कूलों ने याचिका में ये तर्क दिए

याचिका में तर्क दिया गया है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस वृद्धि में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी की जाती है तो इसके लिए जिला कमेटी से अनुमति आवश्यक है. फीस में 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने पर राज्य कमेटी से अनुमति आवश्यक है. स्कूल प्रबंधन द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की गयी है. अपवाद स्वरूप अधिकतम 13 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गयी है. कमेटी ने मनमाने तरीके से फीस वृद्धि का निर्धारण किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.

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