जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल कार्यालय से दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज गायब हो गए हैं. इस संबंध में एमपीएनआरसी के रजिस्ट्रार ने टीटी नगर थाने भोपाल में शिकायत की है. पुलिस के द्वारा अभी तक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने शिकायत पर कार्रवाई के संबंध में जानकारी पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 27 जनवरी को निर्धारित की गई है.
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने दायर की है याचिका
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में प्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित किये जाने को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर कहा था कि नर्सिंग घोटाले की अनियमितता में लिप्त एक इंस्पेक्टर को काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया गया था. इसके अलावा तत्कालीन निदेशक को अध्यक्ष बना दिया है. दोनों अधिकारी महत्वपूर्ण पद में रहते हुए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. इधर याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल कार्यालय से दस्तावेज तथा सीसीटीवी फुटेज गायब हो गए हैं.
हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को हटाने किए थे आदेश जारी
युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया था कि काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार अनीता चंद्र ने भोपाल के एक नर्सिंग कॉलेज की निरीक्षण रिपोर्ट इंस्पेक्टर के तौर पर पेश की थी. जिसके आधार पर कॉलेज को मान्यता दी गई थी. जांच में उक्त कॉलेज आयोग्य पाया गया और उसकी मान्यता निरस्त की गई. इसी प्रकार वर्तमान अध्यक्ष जितेश चंद्र शुक्ला उस समय काउंसिल के निदेशक थे. युगलपीठ ने दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाने के आदेश जारी किये हैं.
अधिकारियों को नहीं हटाए जाने पर युगलपीठ नाराज
पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया था आदेश के बावजूद भी दोनों अधिकारियों को हटाया नहीं गया है. काउंसलिंग कार्यालय से रजिस्ट्रार 4 बक्से कागजात लेकर गई हैं. रजिस्ट्रार ने पद से हटाने जाने के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. सरकार इसका इंतजार कर रही है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से किसी प्रकार की राहत मिल जाए. आदेश के बावजूद भी दोनों अधिकारियों को पद से नहीं हटाये जाने पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की. जिसके बाद सरकार ने 24 घंटो में दोनों अधिकारियों को हटाये जाने का आश्वासन युगलपीठ को दिया था.
हाईकोर्ट ने जानकारी पेश करने के दिए निर्देश
याचिकाओं पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से जानकारी दी गई. इसके अलावा एक याचिकाकर्ता ने याचिका में संशोधन का आवेदन भी पेश किया. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका में संशोधन के आवेदन को स्वीकार किया. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने शिकायत पर कार्रवाई के संबंध में जानकारी पेश करने और थाने में मामला दर्ज नहीं होने के मामले में जानकारी पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट आलोक बागरेचा ने पैरवी की.