नयी दिल्लीः पत्नी के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा. अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की अभिरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ अंजू देवी की याचिका पर सुनवाई कर सकती है.
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाः अतुल सुभाष की मां ने अपने चार वर्षीय पोते की अभिरक्षा की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में अतुल सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है. वहीं अतुल सुभाष की मां के अधिवक्ता कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की अभिरक्षा की मांग की थी. आरोप लगाया था कि उनकी अलग रह रही बहू ने बच्चे का पता उनसे छिपा रखा है.
मीडिया ट्रायल पर फैसला नहींः अतुल की मां के वकील ने तर्क दिया था कि छह वर्ष से कम आयु के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए. उन्होंने उन तस्वीरों का हवाला दिया था, जिनमें दिखाया गया था कि जब बच्चा केवल कुछ साल का था, तब याचिकाकर्ता उससे बातचीत कर रही थी. इसके बाद न्यायालय ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था. कहा था कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता.
क्या है मामलाः बता दें कि नौ दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में अतुल सुभाष अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे. सुभाष ने कथित रुप से एक वीडियो जारी किया था और नोट भी लिखा था जिसमें पत्नी और ससुराल वालों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाये थे. बेंगलुरु पुलिस ने सुभाष की पत्नी, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया था. चार जनवरी को बेंगलुरी आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जमानत दे दी थी.
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