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किसान से मोटी रकम ले रहा था पटवारी, तभी उसके साथ लोकायुक्त ने कर दिया खेल - SAGAR LOKAYUKTA POLICE RAID

सागर की लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. पटवारी ने सीमांकन के ऐवज में पैसों की मांग की थी.

SAGAR LOKAYUKTA POLICE ACTION
सागर में पटवारी ने मांगी घूस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 3:15 PM IST

सागर: सागर के बंडा में पटवारी पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं. शुक्रवार शाम को लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक पटवारी को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दरअसल आरोप है कि, पटवारी ने एक किसान से भाईयों के बीच हुए बंटवारे के बाद सीमांकन के लिए 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. पांच हजार रुपए पहले ही ले चुका था. इस मामले की शिकायत किसान ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय सागर में दर्ज करायी थी. शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही की.

क्या है मामला
मामला जिले की बंडा तहसील में सामने आया है. जहां भाईयों के बीच हुए बंटवारे के सीमांकन के लिए पटवारी ने 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी. इसी सिलसिले में पटवारी मुन्ना लाल अहिरवार को सागर लोकायुक्त टीम ने रिश्वत की 10 हजार की किश्त लेते हुए गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त निरीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि, ''15 जनवरी को बंडा के रमपुरा गांव के रहने वाले भगवान सिंह लोधी ने भाईयों के साथ हुए बंटवारे के सीमांकन को लेकर पटवारी मुन्नालाल अहिरवार द्वारा रिश्वत की मांग को लेकर शिकायत की थी.''

लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को किया गिरफ्तार (ETV Bharat)

''उन्होंने बताया था कि पटवारी सीमांकन के नाम पर पांच हजार रुपए पहले ले चुका है और 30 हजार रुपए की मांग और कर रहा है. फरियादी की शिकायत की तस्दीक करने के बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाकर पटवारी मुन्नालाल अहिरवार को रिश्वत की किश्त के रूप में 10 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. पटवारी मुन्नालाल अहिरवार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.''

पहले पैसा फिर काम की बात कर रहा था पटवारी
किसान भगवान सिंह लोधी ने बताया कि, ''हम भाईयों के बंटवारे के बाद हम लोग कई दिनों से पटवारी मुन्ना लाल अहिरवार से सीमांकन के लिए बोल रहे थे. पहले उसने पांच हजार रुपए लेकर सीमांकन की बात कही, लेकिन बाद में 25 हजार रूपए बकाया राशि की मांग पर अड गया. बातचीत के बाद तय हुआ कि आधे पैसे पहले और आधे पैसे सीमांकन के बाद देंगे. तब जाकर पटवारी ने 10 हजार रुपए की मांग और की थी. इसी के बाद हम भाईयों ने लोकायुक्त में शिकायत करने का फैसला किया था.''

सागर: सागर के बंडा में पटवारी पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं. शुक्रवार शाम को लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक पटवारी को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दरअसल आरोप है कि, पटवारी ने एक किसान से भाईयों के बीच हुए बंटवारे के बाद सीमांकन के लिए 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. पांच हजार रुपए पहले ही ले चुका था. इस मामले की शिकायत किसान ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय सागर में दर्ज करायी थी. शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही की.

क्या है मामला
मामला जिले की बंडा तहसील में सामने आया है. जहां भाईयों के बीच हुए बंटवारे के सीमांकन के लिए पटवारी ने 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी. इसी सिलसिले में पटवारी मुन्ना लाल अहिरवार को सागर लोकायुक्त टीम ने रिश्वत की 10 हजार की किश्त लेते हुए गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त निरीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि, ''15 जनवरी को बंडा के रमपुरा गांव के रहने वाले भगवान सिंह लोधी ने भाईयों के साथ हुए बंटवारे के सीमांकन को लेकर पटवारी मुन्नालाल अहिरवार द्वारा रिश्वत की मांग को लेकर शिकायत की थी.''

लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को किया गिरफ्तार (ETV Bharat)

''उन्होंने बताया था कि पटवारी सीमांकन के नाम पर पांच हजार रुपए पहले ले चुका है और 30 हजार रुपए की मांग और कर रहा है. फरियादी की शिकायत की तस्दीक करने के बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाकर पटवारी मुन्नालाल अहिरवार को रिश्वत की किश्त के रूप में 10 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. पटवारी मुन्नालाल अहिरवार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.''

पहले पैसा फिर काम की बात कर रहा था पटवारी
किसान भगवान सिंह लोधी ने बताया कि, ''हम भाईयों के बंटवारे के बाद हम लोग कई दिनों से पटवारी मुन्ना लाल अहिरवार से सीमांकन के लिए बोल रहे थे. पहले उसने पांच हजार रुपए लेकर सीमांकन की बात कही, लेकिन बाद में 25 हजार रूपए बकाया राशि की मांग पर अड गया. बातचीत के बाद तय हुआ कि आधे पैसे पहले और आधे पैसे सीमांकन के बाद देंगे. तब जाकर पटवारी ने 10 हजार रुपए की मांग और की थी. इसी के बाद हम भाईयों ने लोकायुक्त में शिकायत करने का फैसला किया था.''

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