जबलपुर : बरगी बांध के 17 गेट खोल दिए गए हैं और बांध से 8000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. पानी की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्वारीघाट में नर्मदा नदी अपने सामान्य जल स्तर से लगभग 50 फीट ऊपर बह रही है. बरगी बांध प्रबंधन का कहना है कि बांध में अधिकतम जल स्तर से 1 मीटर ज्यादा पानी है. इसलिए जब तक जल स्तर नियंत्रित नहीं हो जाता तबतक पानी लगातार छोड़ा जाएगा.
घाट पर रहने वाले बेसहारा बुजुर्ग परेशान
नर्मदा नदी में अचानक आई इस बाढ़ की वजह से सामान्य तौर पर आम जनजीवन बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होता लेकिन जबलपुर के ग्वारीघाट में बाढ़ जैसे हालात हैं, जिसकी वजह से कई बेसहारा बुजुर्गों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो जाता है. जबलपुर के ग्वारीघाट में घाट पर ही 200 से ज्यादा बेसहारा बुजुर्ग अपनी जिंदगी काट रहे हैं. इन्हें नर्मदा नदी के दर्शन करने वाले श्रद्धालु जो दान दक्षिणा दे जाते हैं, उसी के सहारे इनका जीवन चल रहा है. इनमें कई संन्यासी भी हैं.
घाट छोड़ सड़क पर रात गुजार रहे संन्यासी
गिरधारी नाम के एक संन्यासी से यहां हमारी मुलाकात हुई. वे सड़क पर एक तखत पर बैठे हुए थे. गिरधारी कहते हैं कि उन्होंने कई साल पहले अपना घर छोड़ दिया था और वे लगातार नर्मदा परिक्रमा करते हैं और कई सालों से ग्वारीघाट में रह रहे हैं. यहां भक्तगण जो दे जाते हैं उससे उनका जीवन यापन होता है. रात को घाट पर ही उनका डेरा होता है लेकिन जब पानी बढ़ा तो उन्हें अपना डेरा समेट कर सड़क पर आना पड़ा और पूरी रात पॉलिथीन के सहारे गुजारनी पड़ रही है.