इंदौर: अवधेशानंद गिरि महाराज एक दिन दौरे पर इंदौर पहुंचे. इस दौरान इंदौर एयरपोर्ट पर उन्होंने प्रयागराज में होने वाले कुंभ का देशवासियों को निमंत्रण दिया. वहीं मोहन भागवत की बात का समर्थन करते हुए भी नजर आए.
अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा "यह हिंदू संस्कृति का एक अनूठा पर्व है. भारतीय संस्कृति अति प्राचीन संस्कृति है. इसका अस्तित्व तब से है जब से प्राणियों का अस्तित्व है. सनातन संस्कृति का उच्चतम परिणाम, हमारी संस्कृति का गौरव वैभव देखना हो तो एकमात्र स्थान महाकुंभ का है. चार स्थानों पर इस तरह का आयोजन होता है."
अवधेशानंद गिरि महाराज ने देशवासियों से महाकुंभ में आने का किया आह्वान
अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा "उज्जैन में इसे सिंहस्थ कहते हैं, हरिद्वार में इसे कुंभ के नाम से पुकारा जाता है, तो वहीं प्रयागराज में इसे महाकुंभ के नाम से पहचाना जाता है. इसमें 35 से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसमें सभी मिलकर आध्यात्म की अलख जगाते हैं. यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूल्य धरोहर घोषित किया है. अहिल्याबाई की धरती पर आया हूं. मैं आह्वान करता हूं सभी कुंभ में आएं."
- MP Katni: हरिहर तीर्थ के भूमिपूजन में शामिल हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य व अवधेशानंद गिरि
- Dharmsabha in Raipur: रायपुर में धर्मसभा, अवधेशानंद महाराज बोले, हिंदू जब कट्टर होगा तब शांति होगी !
वहीं हिंदू राष्ट्र की बात को लेकर अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा " जहां अमेरिकन रहते हैं वह अमेरिका, जहां स्विज रहते हैं वह स्विट्जरलैंड, जहां जैपनीज रहते हैं वह जापान और जहां हिंदू रहते हैं वह हिंदुस्तान है. सनातन बोर्ड को लेकर अवधेशानंद गिरि ने कहा "हम सबके कल्याण के लिए चिर काल से प्रार्थना करते आए हैं. पूरे विश्व को हम अपना मान बैठे हैं और इसके लिए हम निरंतर प्रार्थना करते हैं."
मोहन भागवत को बताया आदर्श
वहीं मोहन भागवत को लेकर अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा "आदरणीय मोहन भागवत जी हमारे आदर्श हैं. सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए देश में अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए. मोहन भागवत जी हिंदू समाज के रक्षक हैं और वह चिर काल से अपना सब कुछ देकर सेवा कर रहे हैं. मैं उनके विचारों से में सहमत हूं. वहीं मंदिर निकलने की बात पर कहा कि भारत में मंदिरों का निकालना कोई बड़ी बात नहीं है."