जबलपुर :बुधवार कोशहर में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर प्रदर्शन किया. इसमें रेलवे, डाक विभाग, भू सर्वेक्षण विभाग, सीपीडब्ल्यूडी जैसे केंद्र सरकार की कई संस्थाओं के कर्मचारी शामिल रहे. इस दौरान कर्मचारी नेता एसएन पाठक ने कहा, '' हम नई पेंशन स्कीम के तो खिलाफ थे ही, सरकार की यूपीएस के खिलाफ भी हैं. हमें केवल ओल्ड पेंशन स्कीम ही चाहिए. यदि सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं देगी तो उसका सड़क पर भी विरोध किया जाएगा और चुनाव में भी सरकारी कर्मचारी इसका विरोध वोट के जरिए करेंगे.''
यूपीएस पेंशन स्कीम क्या है?
यूपीएस का फुल फॉर्म है यूनिफाइड पेंशन स्कीम. सरकार की इस योजना के तहत कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उसकी बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा. अगर सेवा 10 साल या उससे कम समय है तो कर्मचारी को रिटायरमेंट के दौरान उसके कार्यकाल के अनुरूप और कम से कम 10 हजार रु महीने की निश्चित पेंशन दी जाएगी. वहीं पूरा लाभ लेने के लिए रिटायरमेंट के पहले 25 साल की नौकरी होना जरूरी है. इस योजना में सरकार और कर्मचारी दोनों का पेंशन में योगदान होगा. सरकार यूपीएस में एनपीएस से 4.5 प्रतिशत ज्यादा यानी 18.5 प्रतिशत का योगदान देने की बात कर रही है पर कर्मचारी अभी भी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं. दरअसल, ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एकमुश्त भारी भरकम राशि दी जाती थी.