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मदरसा शिक्षा फंड जारी करने का अनुमोदन प्रस्ताव केंद्र को भेजे राज्य सरकार, हाईकोर्ट का आदेश - JABALPUR HIGH COURT

जबलपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा(एसपीक्यूईएम) के तहत फंड जारी करने के अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे.

Jabalpur high court
जबलपुर हाई कोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2025, 5:11 PM IST

Updated : Feb 20, 2025, 5:34 PM IST

जबलपुर: स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) योजना के तहत फंड उपलब्ध नहीं कराए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि राज्य सरकार योजना के अनुसार फैसले लेते हुए फंड उपलब्ध करवाने का अनुमोदन प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजे. एकलपीठ ने 90 दिनों की समय सीमा में निर्णय लेने के आदेश जारी किए हैं.

कौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ भोपाल की तरफ से दायर की गई था याचिका

कौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ भोपाल के अध्यक्ष अफसर खान व सचिव कफील खान ने साल 2023 में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने मदरसों में आधुनिक औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) योजना लागू की थी. इसके अंतर्गत 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य देता है.

साल 2017 से फंड के अभाव में मदरसों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित है. योजना के अनुसार राज्य सरकार को फंड जारी करने के अनुमोदन के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है. केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलने के बाद ही धनराशि आवंटित की जा सकती है.

फंड के लिए राज्य सरकार को दिया गया था अभ्यावेदन परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि मदरसों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन दिया था परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. हाल ही में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने भी स्कीम संचालन के लिए फंड उपलब्ध कराने के आदेश पारित किये हैं.

जबलपुर: स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) योजना के तहत फंड उपलब्ध नहीं कराए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि राज्य सरकार योजना के अनुसार फैसले लेते हुए फंड उपलब्ध करवाने का अनुमोदन प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजे. एकलपीठ ने 90 दिनों की समय सीमा में निर्णय लेने के आदेश जारी किए हैं.

कौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ भोपाल की तरफ से दायर की गई था याचिका

कौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ भोपाल के अध्यक्ष अफसर खान व सचिव कफील खान ने साल 2023 में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने मदरसों में आधुनिक औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) योजना लागू की थी. इसके अंतर्गत 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य देता है.

साल 2017 से फंड के अभाव में मदरसों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित है. योजना के अनुसार राज्य सरकार को फंड जारी करने के अनुमोदन के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है. केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलने के बाद ही धनराशि आवंटित की जा सकती है.

फंड के लिए राज्य सरकार को दिया गया था अभ्यावेदन परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि मदरसों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन दिया था परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. हाल ही में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने भी स्कीम संचालन के लिए फंड उपलब्ध कराने के आदेश पारित किये हैं.

Last Updated : Feb 20, 2025, 5:34 PM IST
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