जबलपुर।जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी में भेदभाव का आरोप लगाते हुए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 4 फ्लाइट सर्विस कंपनियों को अनावेदक बनाने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिये हैं. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ ने ये आदेश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को निर्धारित की गयी है.
जबलपुर के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट होना जबलपुर के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट होना जबलपुर के नागरिकों के साथ ठीक नहीं है. पूर्व में जबलपुर से मुम्बई, पुणे, कोलकाता, बैंगलोर आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थी. जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश इंदौर, ग्वालियर तथा भोपाल के सामान थी.
पहले जबलपुर से 15 फ्लाइट संचालित होती थी
याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं. वर्तमान में घटकर इनकी संख्या 5 हो गयी है. जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है. याचिका में केन्द्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाया गया है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने आवेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.