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UPI से पेमेंट करने वालों को क्यों नहीं मिला बजाज हाउससिंग फाइनेंस का IPO? नेटबैंकिंग वालों की चमकी किस्मत - Initial Public Offering

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2024, 4:05 PM IST

Bajaj Housing Finance: इस साल की सबसे बड़ी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बजाज हाउसिंग फाइनेंस में लोगों ने जमकर दांव लगाया. हालांक, यह आईपीओ उन लोगों को एलॉट नहीं हुआ, जिन्होंने इसके लिए यूपीआई से पेमेंट किया था.

UPI से पेमेंट करने वालों को क्यों नहीं मिला बजाज हाउससिंग फाइनेंस का IPO?
UPI से पेमेंट करने वालों को क्यों नहीं मिला बजाज हाउससिंग फाइनेंस का IPO? (Getty Images)

नई दिल्ली: इस साल की सबसे बड़ी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बजाज हाउसिंग फाइनेंस 12 सितंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुआ था. इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 114 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई. इतना ही नहीं 6560 करोड़ रुपये के इस आईपीओ को 67 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला था. इस आईपीओ के लिए 89 लाख से ज्यादा बिड लगाई गईं थी.

लोगों ने आईपीओ खरीदने के लिए जमकर दांव लगाया था. इस बीच खबर आई है कि यह आईपीओ उन निवेशकों को एलॉट नहीं हुआ, जिन्होंने इसके लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए पेमेंट किया था. वहीं, नेटबैंकिंग के जरिए पेमेंट करने वाले ज्यादातर निवेशकों को शेयर एलॉट हुए.

यूपीआई से पेमेंट करने वालों के एप्लीकेशन रद्द
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपीआई के जरिए पेमेंट करने वाले 14 लाख से अधिक इंवेस्टर के एप्लीकेशन कैंसिल हो गए, जबकि नेटबैंकिंग के जरिए पेमेंट करने वालों की अधिकतर एप्लीकेशन स्वीकार हो गई. हालांकि, इसके पीछे की वजह टेक्निकल ग्लिच बताई जा रही है.

9 सितंबर को शुरू हुआ था सब्सक्रिप्शन
बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ बीते 9 सितंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था और 13 सितंबर तक इस बिड लगाई गई. अगले दिना यानी 14 सितंबर को शेयरों का एलाटमेंट हुआ और 16 सितंबर को यह लिस्ट हुआ. पुणे स्थित इस कंपनी ने 214 शेयरों के लॉट साइज के साथ 66-70 रुपये प्रति शेयर की तय सीमा में अपने शेयर पेश किए थे.

कितनी कीमत पर लिस्ट हुए थे शेयर
कंपनी ने अपनी प्राथमिक पेशकश के जरिए 6,560 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें 3,560 करोड़ रुपये की ताजा शेयर बिक्री और बजाज फाइनेंस द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल थी. इसके शेयर की लिस्टिंग 114 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई.

आईपीओ के रजिस्ट्रार ने क्या कहा?
आईपीओ के रजिस्ट्रार और केफिन टेक्नोलॉजीज के कॉरपोरेट रजिस्ट्री के अधिकारी गिरिधर ने कहा कि लोगों के एप्लीकेशन रिजेक्ट होने का अहम कारण यूपीआई से संबंधित मुद्दे हैं.

यह भी पढ़ें- छोटे IPO में उछाल के बीच SEBI का बड़ा फैसला, जोखिम कम करने पर आएगा नया नियम

नई दिल्ली: इस साल की सबसे बड़ी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बजाज हाउसिंग फाइनेंस 12 सितंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुआ था. इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 114 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई. इतना ही नहीं 6560 करोड़ रुपये के इस आईपीओ को 67 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला था. इस आईपीओ के लिए 89 लाख से ज्यादा बिड लगाई गईं थी.

लोगों ने आईपीओ खरीदने के लिए जमकर दांव लगाया था. इस बीच खबर आई है कि यह आईपीओ उन निवेशकों को एलॉट नहीं हुआ, जिन्होंने इसके लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए पेमेंट किया था. वहीं, नेटबैंकिंग के जरिए पेमेंट करने वाले ज्यादातर निवेशकों को शेयर एलॉट हुए.

यूपीआई से पेमेंट करने वालों के एप्लीकेशन रद्द
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपीआई के जरिए पेमेंट करने वाले 14 लाख से अधिक इंवेस्टर के एप्लीकेशन कैंसिल हो गए, जबकि नेटबैंकिंग के जरिए पेमेंट करने वालों की अधिकतर एप्लीकेशन स्वीकार हो गई. हालांकि, इसके पीछे की वजह टेक्निकल ग्लिच बताई जा रही है.

9 सितंबर को शुरू हुआ था सब्सक्रिप्शन
बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ बीते 9 सितंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था और 13 सितंबर तक इस बिड लगाई गई. अगले दिना यानी 14 सितंबर को शेयरों का एलाटमेंट हुआ और 16 सितंबर को यह लिस्ट हुआ. पुणे स्थित इस कंपनी ने 214 शेयरों के लॉट साइज के साथ 66-70 रुपये प्रति शेयर की तय सीमा में अपने शेयर पेश किए थे.

कितनी कीमत पर लिस्ट हुए थे शेयर
कंपनी ने अपनी प्राथमिक पेशकश के जरिए 6,560 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें 3,560 करोड़ रुपये की ताजा शेयर बिक्री और बजाज फाइनेंस द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल थी. इसके शेयर की लिस्टिंग 114 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई.

आईपीओ के रजिस्ट्रार ने क्या कहा?
आईपीओ के रजिस्ट्रार और केफिन टेक्नोलॉजीज के कॉरपोरेट रजिस्ट्री के अधिकारी गिरिधर ने कहा कि लोगों के एप्लीकेशन रिजेक्ट होने का अहम कारण यूपीआई से संबंधित मुद्दे हैं.

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