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मोहन यादव की मोबाइल से दूरी की पूरी तैयारी, छूट जाएगी बच्चों के मोबाइल की लत - Mohan Yadav Mobile Phone Order

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 3:27 PM IST

Updated : 24 hours ago

आज के समय में देश और दुनियाभर में ज्यादातर मां-बाप अपने बच्चों की कई आदतों से परेशान रहते हैं. जिसमे खाना-पानी, नींद और पढ़ाई जैसी कई बातों से वे परेशान रहते हैं, लेकिन वर्तमान समय में इन सबसे अलग मां-बाप बच्चों को मोबाइल की लत से ज्यादा परेशान रहते हैं. मध्य प्रदेश सरकार बच्चों की इसी लत को छुड़ाने की जिम्मेदारी लेने जा रही है.

Mohan Yadav Mobile Phone Order
छूट जाएगी बच्चों के मोबाइल की लत (ETV Bharat)

भोपाल: यदि आपका बच्चा दिनभर मोबाइल चलाता है, उसकी इस लत से आप परेशान हो रहे हैं और इससे बच्चे पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है. तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. दरअसल, अब ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी सरकार उठाने वाली है. इसके लिए आयुष विभाग को योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस योजना में बच्चों को होने वाला पढ़ाई का तनाव और उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की मानीटरिंग व उपचार भी किया जाएगा.

उज्जैन और शाजापुर जिले से होगी शुरुआत

बच्चों में पढ़ाई का बोझ, चिड़चिड़ापन और मोबाइल की लत समेत अन्य मानसिक और शारीरिक बीमारियों को दूर करने के लिए एमपी के आयुष विभाग ने एक योजना बनाई है. इस योजना को सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी हरी झंडी दे दी है. अब इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले में शुरू किया गया है. इन दो जिलों में सकारात्मक परिणाम आने के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. पिछले दो वर्ष में करीब ढाई सौ ऐसे बच्चों का उपचार किया गया है, जिनमें मानसिक विकार से लेकर दांत और आंख संबंधी बीमारियां थी. अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं, इस प्रकार के बीमार बच्चे दूरस्थ क्षेत्रों से भोपाल तक न आएं, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही यह इलाज मिले. इसके लिए यह नई व्यवस्था लाई जा रही है.

Rid Children of mobile Addiction
बच्चों के मोबाइल देखने की लत (Getty Image)

आंगनबाड़ी कायकर्ता और सहायिकाओं से भी ली जाएगी मदद

आयुष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'इस योजना पर काम करने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है. अब इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, आशा-उषा कार्यकर्ताओं की मदद भी ली जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं लोगों के घरों तक आसान पहुंच रखती हैं. उन्हें अपने क्षेत्र के हर घर-परिवार की जानकारी होती है. ऐसे में वो आसानी से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर सकती हैं, जिसे इलाज की जरूरत है. ये कार्यकर्ता बच्चों को ईलाज के लिए पास के होम्योपैथी चिकित्सालयों तक पहुंचाएंगी और उनके स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग करेंगी.

AYUSH Dpt Yojan
आयुष विभाग की योजना (ETV Bharat)

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जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में शुरु होगी सेवा

शासकीय होम्योपैथी कॉलेज भोपाल के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि इस समय बच्चों में मानसिक समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं. पढ़ाई का अधिक बोझ, मोबाइल की लत सहित अन्य परेशानियों को लेकर यह स्थिति बन रही है, एक सर्वे के अनुसार कम उम्र में ही बच्चों के दांत खराब हो रहे हैं. सभी पहलुओं का परीक्षण करने के बाद निर्णय लिया है कि ऐसे लक्षणों के चलते बच्चों का होम्योपैथी चिकित्सा के जरिए समुचित उपचार किया जाए. डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि 'बच्चों में मानसिक विकारों के साथ आंख एवं दांतों की बीमारियां भी हो रही हैं. इसलिए पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले में समुचित उपचार की यूनिट तैयार कर रहे हैं. यहां सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद प्रदेश भर में लागू किया जाएगा.'

भोपाल: यदि आपका बच्चा दिनभर मोबाइल चलाता है, उसकी इस लत से आप परेशान हो रहे हैं और इससे बच्चे पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है. तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. दरअसल, अब ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी सरकार उठाने वाली है. इसके लिए आयुष विभाग को योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस योजना में बच्चों को होने वाला पढ़ाई का तनाव और उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की मानीटरिंग व उपचार भी किया जाएगा.

उज्जैन और शाजापुर जिले से होगी शुरुआत

बच्चों में पढ़ाई का बोझ, चिड़चिड़ापन और मोबाइल की लत समेत अन्य मानसिक और शारीरिक बीमारियों को दूर करने के लिए एमपी के आयुष विभाग ने एक योजना बनाई है. इस योजना को सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी हरी झंडी दे दी है. अब इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले में शुरू किया गया है. इन दो जिलों में सकारात्मक परिणाम आने के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. पिछले दो वर्ष में करीब ढाई सौ ऐसे बच्चों का उपचार किया गया है, जिनमें मानसिक विकार से लेकर दांत और आंख संबंधी बीमारियां थी. अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं, इस प्रकार के बीमार बच्चे दूरस्थ क्षेत्रों से भोपाल तक न आएं, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही यह इलाज मिले. इसके लिए यह नई व्यवस्था लाई जा रही है.

Rid Children of mobile Addiction
बच्चों के मोबाइल देखने की लत (Getty Image)

आंगनबाड़ी कायकर्ता और सहायिकाओं से भी ली जाएगी मदद

आयुष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'इस योजना पर काम करने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है. अब इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, आशा-उषा कार्यकर्ताओं की मदद भी ली जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं लोगों के घरों तक आसान पहुंच रखती हैं. उन्हें अपने क्षेत्र के हर घर-परिवार की जानकारी होती है. ऐसे में वो आसानी से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर सकती हैं, जिसे इलाज की जरूरत है. ये कार्यकर्ता बच्चों को ईलाज के लिए पास के होम्योपैथी चिकित्सालयों तक पहुंचाएंगी और उनके स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग करेंगी.

AYUSH Dpt Yojan
आयुष विभाग की योजना (ETV Bharat)

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जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में शुरु होगी सेवा

शासकीय होम्योपैथी कॉलेज भोपाल के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि इस समय बच्चों में मानसिक समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं. पढ़ाई का अधिक बोझ, मोबाइल की लत सहित अन्य परेशानियों को लेकर यह स्थिति बन रही है, एक सर्वे के अनुसार कम उम्र में ही बच्चों के दांत खराब हो रहे हैं. सभी पहलुओं का परीक्षण करने के बाद निर्णय लिया है कि ऐसे लक्षणों के चलते बच्चों का होम्योपैथी चिकित्सा के जरिए समुचित उपचार किया जाए. डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि 'बच्चों में मानसिक विकारों के साथ आंख एवं दांतों की बीमारियां भी हो रही हैं. इसलिए पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले में समुचित उपचार की यूनिट तैयार कर रहे हैं. यहां सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद प्रदेश भर में लागू किया जाएगा.'

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